Ranchi– मोरहाबादी मैदान में दो दिवसीय जनजातीय महोत्सव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा
है कि सुखाड़ को लेकर बहुत चिंता हो रही थी, हम सभी इस पर नजर बनाये हुए थें.
लेकिन यह हमारा सौभाग्य है कि जिस दिन से जनजातीय महोत्सव की शुरुआत हुई है,
उस दिन से झमाझम बारिश हो रही है. हेमंत सोरेन ने कहा कहा कि ऐसा लगता है कि स्वयं भगवान इन्द्र कर रहे हैं.
आने वाले दिनों में यह कार्यक्रम और भी व्यापक होगा और इसकी निरंतरता बनी रहेगी.
मुख्यमंत्री हेमंत ने कहा कि आने वाले दिनों में अभी आदिवासी समुदाय को कई लड़ाइयां लड़नी है.
हमारे पास जो भी संपत्ति है, वह पूर्वजों का है. हमें इसे बचाना और संरक्षित करना है.
आदिवासी समाज की संस्कृति को वैश्विक पटल पर ले जाना है.
हमें नदी नाले से आगे बढ़कर आदिवासियत बचाने की लड़ाई लड़नी होगी
कथित मुख्यधारा की राजनीति और सामाजिक सोच पर टिप्णणी करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत ने कहा कि
लोग नदी नाले को बचाने की बात करते हैं, लेकिन आदिवासी और आदिवासियत को बचाने की बात कोई नहीं करता.
सच्चाई यह है कि हमें नदी-नाले को बचाने से आगे बढ़कर आदिवासी और आदिवासियत को बचाने की लड़ाई लड़नी होगी,
क्योंकि जब आदिवासियत बचेगी तब ही नदी-नाला और संस्कृति बचेगी.
हमारे पूर्वजों ने लड़ना सीखलाया है, अपनी अंतिम सांस तक हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा.
जनजातीय महोत्सव – हेमंत सोरेन ने हुक शॉर्ट्स से सारे बाउंसर बॉल फेल किया
जनजाति महोत्सव को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी संबोधित किया.
इस अवसर पर उन्होने कहा कि झारखंड और छत्तीसगढ़ ने विपदा के समय देश को ऑक्सीजन देने का काम किया.
लेकिन केन्द्र सरकार लगातार हमारी उपेक्षा कर रही है, राज्यों को दिए गए अधिकार वापस लिये जा रहे हैं.
भूपेश बघेल ने कहा कि झारखंड में कुछ दिनों से सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची जा रही है.
क्रिकेट की भाषा में कहें तो केन्द्रीय एजेंसियों को सामने कर लगातार बाउंसर बॉल फेंका जा रहा था.
लेकिन हेमंत सोरेन के हुक शॉर्ट्स के सामने सारे बाउंसर बॉल फेल गंए. लेकिन कोशिश इधर हो रही थी, उधर तख्ता पलट बिहार में हो गया.
रिपोर्ट- मदन
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