डिजिटल डेस्क : PM Modi ने मुस्कुराते हुए निकाल दी पं. धीरेंद्र शास्त्री के ब्याह की चिंता वाली पर्ची। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज मध्य प्रदेश के छतरपुर में बागेश्वर धाम में कैंसर अस्पताल का भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान बड़ा ही रोचक वाकया हुआ। पलक झपकते ही यह रोचक घटनाक्रम मीडिया की सुर्खियों में छाने लगा है।
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दरअसल हुआ यह कि दूसरों की समस्या की पर्ची निकालने के लिए मशहूर बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र शास्त्री के ब्याह संबंधी उनकी उनकी मां को सता रही चिंता की पर्ची अचानक PM Modi ने ही निकाल दी।
फिर PM Modi ने पं. धीरेंद्र शास्त्री की मां से पर्ची में निकली बात को तस्दीक भी कर लिया।
इस दौरान वहां मौजूद पं. धीरेंद्र शास्त्री तनिक झेंपने वाले अंदाज में मुस्कुराते हुए दिए जबकि मध्य प्रदेश के CM मोहन यादव अवाक-चकित होकर पूरा वाकया देखते रहे।
PM Modi ने खुद सुनाया भी यह वाकया…
बागेश्वर धाम के कैंसर अस्पताल के नींव रखने के करने क्रम में भूमि पूजन कार्यक्रम में शरीक होते हुए PM Modi ने अपने संबोधन में उक्त वाकये का किस्सा भी चुटीले अंदाज में सुनाया तो सभी हंस पड़े एवं माहौल हल्का-फुल्का हो गया।
अपने भाषण के अंत में PM Modi ने कहा, ‘आज मैं हनुमान दादा के चरणों में आया तो मुझे लगा कि धीरेंद्र शास्त्री अकेले पर्ची निकालेंगे या मैं भी निकाल पाऊंगा। मैंने आज पहली पर्ची निकाली।’
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दरअसल PM Modi रविवार को बागेश्वर धाम दौरे पर पहुंचने के बाद पंडित कृष्ण धीरेंद्र शास्त्री की मां से मिलने की इच्छा जाहिर की। उसके बाद दोनों की मुलाकात भी हुई। PM Modi ने हंसी मजाक करते हुए पं. धीरेंद्र शास्त्री की मां से बात की।
PM Modi ने कहा कि -‘…मैं पर्ची निकालने आया हूं।आपके मन में क्या चल रहा है, …उसकी पर्ची मेरे पास है। मुझे पता है आपके मन में क्या चल रहा है? …बेटे की शादी करवाना चाहती हैं ? …आपके मन में है कि ‘ब्याह होना चाहिए।”
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बोले पं. धीरेंद्र शास्त्री – PM Modi जी…आप सत्ता में बने रहें …
मंच पर यह किस्सा सुनाकर PM Modi ने अपने संबोधन का अंत किया तो करना चाहा। उसी कार्यक्रम के दौरान पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने मंच से संबोधित करते हुए पीएम मोदी को बागेश्वर धाम आने के लिए धन्यवाद दिया और उनकी खूब तारीफ भी की।
पं. धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि – ‘…पहले हम नहीं कह पाए थे, लेकिन हम यहां कह रहे हैं। प्रधानमंत्री जी आप हमारी बारात में भले नहीं आएं, लेकिन अस्पताल के उद्घाटन पर जरूर आएं।
…PM Modi जी का संदेश हमें मिला कि वो हमारी माता जी से मिलना चाहते हैं। …वो हमारी माता जी के लिए शॉल लेकर आए। …प्रधानमंत्री Modi का ये भाव मुझे मुग्ध कर गया।
…मंच से ही ऐलान करता हूं कि बागेश्वर धाम अस्पताल में प्रधानमंत्री Modi की माता जी के नाम से इस अस्पताल में एक वार्ड बनाया जाए।
…PM Modi जी… आप हमेशा स्वस्थ रहें और सत्ता में बने रहें …ताकि भारत विकास करता रहे।’
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बोले PM Modi – धर्म का माखौल उड़ाता है नेताओं का एक वर्ग…
इससे पहले अपने संबोधन में PM Modi ने कहा कि –‘…आजकल हम देख रहे हैं, महाकुंभ की हर तरफ चर्चा हो रही है। महाकुंभ अब पूर्णता की ओर है। अब तक करोड़ों लोग वहां पहुंच चुके हैं। करोड़ों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई है, संतों के दर्शन किए।
…अगर इस महाकुंभ की तरफ नजर करें तो सहज भाव उठ जाता है- ये एकता का महाकुंभ है। …आनेवााले सदियों तक ये महाकुंभ एकता का महाकुंभ होगा।
…एकता के इस महाकुंभ से आए हुए हर यात्री यह कह रहा है कि इस बार एकता के महाकुंभ में पुलिसकर्मियों ने जो काम किया है- एक साधक की तरह, एक सेवावृति की तरह, पूरी नम्रता के साथ।
…इस एकता के महाकुंभ में जिन पुलिसकर्मियों ने देश का दिल जीत लिया है, वो भी बधाई के पात्र हैं।
आज कल हम देखते हैं कि नेताओं का एक वर्ग ऐसा है, जो धर्म का मखौल उड़ाता है, उपहास करता है और लोगों को तोड़ने में जुटा है। बहुत बार विदेशी ताकत इन लोगों का साथ देकर देश और धर्म को कमजोर करने की कोशिश करती है।
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…हिन्दू आस्था से नफरत करने वाले ये लोग सदियों से किसी न किसी भेष में रहते रहे हैं। गुलामी का मानसिकता से ये लोग हमारे मंदिरों, हमारे संत, संस्कृति और सिद्धांतों पर हमला करते रहे हैं।
…ये लोग हमारे पर्व, परंपराओं को गाली देते हैं। जो धर्म जो संस्कृति स्वभाव से प्रगितशील हैं, उस पर ये कीचड़ उछालते हैं। हमारे समाज को बांटना, उसको तोड़ना इनका एजेंडा है।
…इस माहौल में मेरे छोटे भाई धीरेंद्र शास्त्री काफी समय से एकता के मंत्र को लेकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं। अब उन्होंने समाज और मानवता के हित में एक और संकल्प लिया है। इस कैंसर अस्पताल के निर्माण की ठानी है।
…हमारे मंदिर एक ओर पूजा के केंद्र रहे हैं तो दूसरी ओर सामाजिक चेतना के भी केंद्र रहे हैं।…हमारे ऋषियों ने हमें आयुर्वेद और योग का वो विज्ञान दिया, जिसका परचम आज पूरी दुनिया में लहरा रहा है। …हमारी तो मान्यता ही है कि परहित सरिस धर्म नहीं भाई।’