रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले में झारखंड कांग्रेस कमिटी के सदस्यों ने बीजेपी पर निशाना साधा है. झारखंड कांग्रेस कमिटी के वरीष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव और डा.राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि पंजाब के लोगों ने जिस तरह से भाजपा को किनारे करना शुरु कर दिया है, उसमें प्रधानमंत्री की बुधवार का वयक्तव्य राजनैतिक पैंतरेबाजी के अलावा कुछ भी नहीं है.
कांग्रेस नेता आलोक दूबे ने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को हमलोगों ने कई बार विरोध किया और कालेझंडे भी दिखाए. लाठी चली मार भी खाये लेकिन जान का खतरा कभी भी सुनाई नहीं पड़ा. ‘देश का सबसे सुरक्षित और ताकतवर आदमी अपनी जान बचाकर जिंदा वापस लौट गया यह जुमलेबाजी नहीं तो और क्या है’. सबसे पहले केन्द्र सरकार यह बताए देश की शक्तिशाली केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियां जो पीएम की सुरक्षा के लिए है वह गृहमंत्री के अधीन आती है, क्या कारवाई कर रही है. एक चुनी हुई सरकार को बदनाम करने की साजिश देश के सामने आ चुकी है.
कांग्रेसी नेता आलोक दुबे ने कहा अपनी सत्ता के लिए प्रधानमंत्री किस हद तक गिर सकते हैं वह आज देश देख रहा है, प्रधानमंत्री एक तरफ कोरोना की परवाह किए बगैर रैली का आयोजन करते हैं तो वह सब ठीक है, लेकिन किसानों ने अगर उन्हें वापस लौटा दिया तो यह जान का खतरा हो गया. सुरक्षा में चूक हो गई. पहले भी प्रधानमंत्री कई बार जाम में फंस चुके हैं तब भाजपा के लोग कहते थे कि प्रधानमंत्री आम आदमी हैं. वही उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को कई बार सरकार ने रोका, धक्का मुक्की तक की, गिरफ्तारी तक हुई, लेकिन हमने कभी नहीं कहा कि जान से मारने की कोशिश की गई. पंजाब के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि पीएम की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई थी, बल्कि पीएम देश को यह बतायें कि उन्होंने किसके कहने पर पूर्व नियोजित मार्ग बदला था.
वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने बाबूलाल मरांडी के बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है. मुख्यमंत्री नक्सलियों से या तो डरे हुए हैं या फिर घिरे हुए हैं पर उन्होंने कहा भाजपा को पुलिस का मनोबल गिराने एवं उन्हें हतोत्साहित करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. मुख्यमंत्री रहते हुए बाबूलाल ने कहा था कि भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी मजबूत हो गई हैं एवं कानून व्यवस्था कमजोर हो गई है कि रातों को उन्हें नींद नहीं आती है. इसका मतलब है कि कानून व्यवस्था उनके जमाने में ध्वस्त हो चुकी थी, लेकिन आज कानून का इकबाल है,अगर कोई घटना होती है तो कार्रवाई की जाती है. उसे संरक्षण नहीं दिया जाता है,पुलिस कारवाई करती है.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि बाबूलाल मरांडी जिस सुरक्षाकर्मियों के घेरे में रहते हैं, वे सभी झारखंड के ही चुनिंदा पुलिसकर्मी हैं. वे बताएं क्या उनके सुरक्षाकर्मी लाचार और बेबस हैं तो उनका जवाब नहीं में होगा. पिछले 5 वर्षों में झारखंड सरकार ने कानून व्यवस्था को गिरवी रख दिया था. उसके पहले बीजेपी की सरकार में ही नक्सली घटनाओं पर फिल्म बन गई थी. नक्सलियों के साथ किसके संबंध रहे हैं और वर्तमान में भी हैं बाबूलाल जी अच्छी तरह से जानते हैं. उन्होंने कहा गठबंधन की सरकार में कानून वय्वस्था पूरी तरह से सुरक्षित है. घटित घटना की पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करती है और जिस प्रकार झारखंड पुलिस नक्सलियों पर कारवाई कर रही है पूरी तरह से सफाया हो जाएगा.
रिपोर्ट : प्रतीक सिंह
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