RJD विधायकों के बीच महाबोधि मंदिर को लेकर सियासी खटपट, भ्रष्टाचार के आरोपों पर गरमाई राजनीति

RJD विधायकों के बीच महाबोधि मंदिर को लेकर सियासी खटपट, भ्रष्टाचार के आरोपों पर गरमाई राजनीति

गया : बोधगया स्थित विश्वविख्यात महाबोधि मंदिर की व्यवस्था पर राजद के दो विधायकों के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है। मखदुमपुर के विधायक सतीश दास द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों ने बोधगया के विधायक व पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत को दुखी कर दिया है। सर्वजीत ने सतीश दास को आड़े हाथों लेते हुए मीडिया के समक्ष कहा की महाबोधि मंदिर जैसे विश्वविख्यात स्थल को बदनाम करना गलत है। एमएलए सतीश दास को अगर कोई समस्या थी, तो मुख्यमंत्री को बताना चाहिए था, न कि मीडिया में अनर्गल बयानबाजी करनी चाहिए थी।

बेबुनियाद हैं आरोप

कुमार सर्वजीत ने याद दिलाया कि कुछ महीने पहले भी सतीश दास ने मंदिर प्रशासन पर आरोप लगाए थे। उस समय जिलाधिकारी, बीटीएमसी के सदस्य और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की गई थी। उनके आरोप झूठे पाए गए थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि मंदिर की गरिमा बनाए रखना सबकी जिम्मेदारी है। इसे बाजार में लाने से बचना चाहिए।

सतीश मेरा छोटा भाई, बात करूंगा

सर्वजीत ने कहा कि मैं और मेरा परिवार 90 के दशक से बोधगया की राजनीति में है। मंदिर की हर गतिविधि से परिचित हूं। सतीश मेरा छोटा भाई है। जब मिलेगा, तो पूछूंगा कि आखिर उसकी समस्या क्या है।

गौरतलब है कि मखदुमपुर के विधायक सतीश दास ने बीटीएमसी (बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति) पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया कि डीएम, बीटीएमसी के सचिव, सदस्यों और यहां तक कि एक फोटोग्राफर तक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। हालांकि, सतीश दास ने अपने आरोपों के समर्थन में कोई प्रमाण सार्वजनिक नहीं किए। उनका कहना था कि वे सबूत मुख्यमंत्री को सौंपेंगे। गौरतलब है कि सतीश दास बेशक मखदुमपुर के विधयाक है पर उनका पैतृक घर बोधगया में ही है।

यह भी देखें :

सियासी हलकों में खलबली

महाबोधि मंदिर का यह विवाद अब राजद के भीतर दरारें दिखा रहा है। सवाल उठ रहा है कि क्या सतीश दास के आरोप राजनीति से प्रेरित हैं, या वाकई बीटीएमसी के कामकाज में गड़बड़ियां हैं।

यह भी पढ़े : मधेपुरा पहुंचे तेजस्वी यादव, PM नरेंद्र मोदी से मांगा हिसाब

आशीष कुमार की रिपोर्ट

Share with family and friends: