Wednesday, July 9, 2025

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Bihar Politics: वोटर लिस्ट विवाद पर सियासत जारी, अब लालू ने ऐसे किया पीएम मोदी पर कटाक्ष

Bihar Politics: बिहार में चल रही मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक घमासान मचा है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने इस प्रक्रिया को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और निर्वाचन आयोग (ECI) पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने इसे “लोकतंत्र की हत्या” बताते हुए सोशल मीडिया पर AI जनरेटेड तस्वीर के जरिए प्रधानमंत्री और आयोग की आलोचना की है।

Bihar Politics: लालू यादव ने पीएम मोदी पर कसा तंज

लालू यादव ने अपने X (पूर्व नाम ट्विटर) हैंडल से एक AI जनरेटेड तस्वीर पोस्ट की, जिसमें पीएम मोदी एक कुर्सी पर बैठे नजर आ रहे हैं और उनके पीछे ECI का लोगो लगा है, जिस पर लिखा है, “भाजपा चुनाव आयोग”। तस्वीर में दो अधिकारी पीएम मोदी के सामने बैठे दिखाई दे रहे हैं। नीचे लिखा है, “भाजपा चुनाव आयोग की बिहार चुनाव को लेकर तैयारी जोरों पर”। इस तस्वीर के साथ लालू ने कैप्शन में लिखा, “भारत के उपयुक्त प्रधान चुनाव आयुक्त!”

Bihar Politics: एक अन्य पोस्ट में लालू ने लिखा

वहीं एक अन्य पोस्ट में लालू यादव ने पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए लिखा, “दो गुजराती मिलकर 8 करोड़ बिहारियों के वोट का अधिकार छीनने का प्रयास कर रहे हैं। इन दो गुजरातियों को बिहार, संविधान और लोकतंत्र से सख्त नफरत है। जागो और आवाज उठाओ! लोकतंत्र और संविधान बचाओ।”

Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने लगाया आरोप

राजद नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस मुद्दे पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “बिहार में वोटबंदी की गहरी साजिश रची जा रही है। दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के वोट काटने और फर्जी वोट जोड़ने का खेल शुरू हो गया है।” उन्होंने आगे कहा, “मोदी-नीतीश गठजोड़ अब चुनाव आयोग के जरिए संविधान और लोकतंत्र को कुचलने की कोशिश कर रहा है। इनकी बौखलाहट उनकी हार को दर्शा रही है।”

Bihar Politics: मामले में सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंच चुका है। मतदाता सूची से कथित रूप से लाखों नामों को हटाए जाने को चुनौती देते हुए कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिसमें इस प्रक्रिया को असंवैधानिक और जनविरोधी बताया गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष इस मामले को रखा और तत्काल सुनवाई की मांग की। वहीं सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर संज्ञान लेते हुए 10 जुलाई को सुनवाई करने की सहमति दे दी है।