पटना : एक बार फिर से बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की तैयारी कर रहे छात्रों को पटना पुलिस ने बीच सड़कों पर पानी से भिगो-भिगो कर पिटा। बीपीएससी के अभ्यर्थियों की लगातार मांग है कि जो 13 दिसंबर को बिहार के 912 केंद्रों पर बीपीएससी की ओर से 70वीं पीटी की परीक्षा हुई थी। उन सभी को रद्द किया जाए और एक बार फिर से री एग्जाम करवाया जाए । इसी की मांग को लेकर लगाता बीपीएससी के अभ्यर्थी लगातार 10 दिनों से पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल पर अनशन पर बैठे हुए थे । मगर आयोग की तरफ से उनकी मांगों पर किसी भी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी। आयोग का साफ कहना था कि पटना के कुम्हार स्थित बापू परीक्षा केंद्र में गड़बड़ी हुई है, इसलिए चार जनवरी को वहां परीक्षा ली जाएगी। इसके अलावा किसी भी केंद्र की परीक्षा कैंसिल नहीं की जाएगी।
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मगर, इन सबों के बीच विभिन्न राजनीतिक दलों ने छात्रों के इस आंदोलन को लगातार राजनीतिक रूप देने की कोशिश की जाने लगी। कभी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपनी यात्रा को छोड़कर छात्रों के बीच उनकी मांगों के समर्थन में सर्द रातों में गर्दनीबाग धरनास्थल पर जाकर छात्रों को आश्वासन देते दिखते थे, तो कभी पूर्णिया सांसद पप्पू यादव छात्रों के साथ उनके समर्थन में धरनास्थल पर छात्रों के बीच पहुंच जाते थे। बात यहीं खत्म नहीं होती छात्रों को लगातार उकसाने के लिए विभिन्न कोचिंग संस्थानों के संचालकों द्वारा उन्हें दिग्भ्रमित किया जाने लगा।
अंत में छात्र आंदोलन के बीच में एक बार फिर से बिहार की राजनीति में उतरी नई पार्टी जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर भी अपनी राजनीतिक रोटी सेकने के लिए पहली बार छात्रों के बीच 26 दिसंबर को गर्दनीबाग धरनास्थल पहुंचे और वहां से उन्होंने छात्रों को अपनी और लाने की भरपूर कोशिश की मगर छात्रों ने उनका बहिष्कार कर दिया। तब जाकर प्रशांत किशोर ने कहा कि ठीक है हम आपके साथ हैं और अब देखते हैं की कौन सी पुलिस आपके ऊपर लाठी चलती है। उन्हें आश्वासन दिया कि उनके नेतृत्व में छात्रों का आंदोलन चलेगा और छात्र घबराएं नहीं उनकी मांगों को हर हाल में प्रशांत किशोर पूरा करेंगे। फिर 28 दिसंबर को प्रशांत किशोर एक बार फिर से छात्रों के बीच पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पहुंचने हैं और वहां से वह छात्रों के लिए हुंकार भरते हुए कहते हैं कि छात्रों का आंदोलन पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल से निकलते हुए पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के नीचे छात्र संसद के रूप में आगे बढ़ेगा और इसका नेतृत्व खुद प्रशांत किशोर करेंगे।
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प्रशांत किशोर 29 दिसंबर को पटना के गांधी मैदान जहां पहले से पटना जिला प्रशासन ने इसे छात्रों और प्रशांत किशोर के लिए प्रतिबंधित कर रखा था। उसके बावजूद प्रशांत किशोर छात्र सांसद लगाने के लिए छात्रों के साथ पटना के गांधी मैदान स्थित गांधी मूर्ति के नीचे पहुंचते हैं और फिर भर दिन के ड्रामा के बीच शाम होते ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास की और कुच कर जाते हैं। सबको यह मालूम है कि बिहार के मुख्यमंत्री 29 दिसंबर को दिल्ली भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के असमय निधन के बाद उनके शोकाकुल परिवार जनों से मिलने और उनकी आत्मा की शांति के लिए दिल्ली गए हुए हैं। इसके बावजूद प्रशांत किशोर पटना के गांधी मैदान से डाकबंगला चौराहा होते हुए सीएम हाउस की तरफ निकल पड़ते हैं। मगर यह क्या अचानक से पुलिस जब छात्रों को रोकते हैं तब छात्र पुलिस से प्रशांत किशोर के साथ होने का दंभ भरते हुए पुलिस जवानों से फिर जाते हैं।
आपको बता दें कि इस बीच प्रशांत किशोर कहीं दिखते नहीं और पुलिस ने जमकर सर्द रातों में बीपीएससी छात्रों को वाटर कैनन की मदद से भींगा-भींगा कर जमकर पीटा। इन सबों के बीच छात्रों के साथ चलने वाले प्रशांत किशोर कहीं भी नहीं दिखे। 28 दिसंबर तक जो प्रशांत किशोर यह कह रहे थे कि बिहार लोकतंत्र की जननी है। कोई नेता कोई नीतीश कुमार इसे लाठी तंत्र नहीं बना सकते। यदि कोई इसे लाठी तंत्र बनाने की कोशिश करेगा तो बिहार का युवा, बिहार के छात्र, बिहार के बुद्धिजीवी और बिहार के लोग अपनी पूरी ताकत से अपने युवाओं की भविष्य के लिए खड़े रहेंगे। ऐसा मेरा विश्वास है मगर अब वह प्रशांत किशोर जब छात्रों पर लाठी चल रही थी तब कहीं नहीं दिखे।
प्रशांत को BPSC छात्रों ने गर्दनीबाग धरनास्थल से हटाया
बीपीएससी प्रदर्शनरत कैंडिडेट ने प्रशांत किशोर को गर्दनीबाग के धरनास्थल से हटाया। रविवार की आधी रात को प्रशांत किशोर गर्दनीबाग धरनास्थल पर पहुंचे थे यहां प्रशांत गो बैक के नारे लगे। प्रशांत और कुछ छात्र नेताओं के बीच बकझक भी हुई। प्रशांत किशोर ने कहा कि आप कंबल हमसे लेते हैं और नेतागिरी हमको दिखा रहे हैं। इसके बाद कैडिडेट का गुस्सा और बढ़ गया।

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महीप राज की रिपोर्ट