पटना: सोमवार की सुबह प्रशांत किशोर ने बीपीएससी मामले में प्रेस कांफ्रेंस किया। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने रविवार की शाम अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज के मामले में सरकार और पुलिसकर्मियों पर जम कर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब बड़े मंत्री और अधिकारी बंगला में रहेंगे तो फिर छात्र कहां जायेंगे, गांधी मैदान में इजाजत लेने की कोई बात ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि मैं छात्रों के साथ था और हमने मार्च निकाला। जेपी गोलंबर पर हमें रोक लिया गया। वहां जब हमें मुख्य सचिव से बातचीत की जानकारी मिली तब हम वहां से गांधी मैदान लौट आये और पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। प्रशांत किशोर ने कहा कि जिन पुलिसकर्मियों ने छात्रों पर लाठी चलाई है उन्हें छोड़ा नहीं जायेगा, अब यह आंदोलन नहीं रुकेगा। उन्होंने पुलिस अधिकारियों पर हमला करते हुए कहा कि 2-4 पुलिस अधिकारी हैं जिन्हें हीरो बन्ने का शौक है। हम पुलिस पर एफआईआर करेंगे।
उन्होंने कहा कि जब देर रात हम गर्दनीबाग धरनास्थल पर पहुंचे तो वहां कांग्रेस के कुछ नेता बैठे थे जो हमसे बहस करने लगे और वीडियो बना कर जान बुझ कर वायरल कर रहे हैं। हमारी प्राथमिकता है कि हम छात्रों की बातों को सरकार तक पहुंचाएं। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान प्रशांत किशोर ने सरकार को दो जनवरी तक टाइम देते हुए कहा कि अगर अभ्यर्थियों के हित में फैसला नहीं लिया गया तो फिर हम अनिश्चितकालीन धरना पर बैठूँगा।
आज एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव से मिलने जा रहा है और हमारी पांच मुख्य मांगें हैं जिसमें एक पुनर्परीक्षा, परीक्षा की न्यायिक जांच, आत्महत्या करने वाले अभ्यर्थी के परिवार को दस लाख रूपये मुआवजा, लाठीचार्ज का आदेश देने वाले अधिकारी पर मुकदमा और छात्रों पर किया गया मुकदमा वापस लेना है। पीके ने दावा करते हुए कहा कि जब तक हम धरना पर बैठे तब तक प्रशासन के लोगों में हिम्मत नहीं थी कि वे लाठीचार्ज करें।
प्रशांत किशोर ने राज्य सरकार पर भी हमला किया और कहा कि सत्ता में बैठे लोग यह जान लें कि अब नीतीश कुमार का करियर खत्म हो गया है। जब आपलोग वोट मांगने जायेंगे तो आपको इन बच्चों को हिसाब देना होगा। प्रशांत किशोर ने तेजस्वी पर भी हमला किया और कहा कि हम कहीं दूर बैठ कर ट्वीट नहीं करते हैं।
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पटना से महीप राज की रिपोर्ट
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