रांची: झारखंड में जून माह से जारी लगातार मानसूनी बारिश ने सब्जी किसानों की कमर तोड़ दी है। खेतों में पानी भर जाने के कारण लत्तर वाली सब्जियों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। कई स्थानों पर सब्जियों के पौधे सड़ चुके हैं। इस आपदा का सीधा असर अब राज्य के सब्जी बाजार पर साफ दिखने लगा है।
राज्य के विभिन्न जिलों – कोडरमा से लेकर पलामू तक – सब्जियों की कीमतों में एकरूपता देखने को मिल रही है। स्थानीय उत्पादन में गिरावट के कारण बाजार की आपूर्ति मुख्यतः पड़ोसी राज्यों से हो रही है। वहीं, स्थानीय थोक मंडियों से शहर तक पहुंचते-पहुंचते सब्जियों की कीमतें डेढ़ से दोगुनी हो जा रही हैं।
थोक और खुदरा में बड़ा अंतर
मंगलवार को बेड़ी-रातू जैसे थोक बाजारों में करेला 45 रुपये किलो में बिक रहा था, जबकि वही करेला राजधानी रांची के लालपुर मंडी में 60-70 रुपये किलो तक पहुंच गया। फूलगोभी, पत्तागोभी, भिंडी, मिर्च और धनिया पत्ता जैसी आम सब्जियों की कीमतों में भी यही तेजी देखी गई।
पड़ोसी राज्यों से हो रही आपूर्ति
स्थानीय फसल नष्ट हो जाने के कारण अब अधिकांश सब्जियां बिहार जैसे पड़ोसी राज्यों से आ रही हैं। हरा और सफेद पटल (परवल) विशेष रूप से बाजार में भरपूर मात्रा में दिख रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार आगामी दिनों में बारिश का क्रम जारी रहेगा, जिससे सब्जी उत्पादन और आपूर्ति में और गिरावट आ सकती है।