Ranchi : पूर्णिया जिले के टेटगामा गांव में 6-7 जुलाई 2025 की रात हुई एक ही आदिवासी परिवार के पांच सदस्यों की निर्मम हत्या न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि यह सामाजिक अन्याय, अंधविश्वास, और दमन की क्रूर तस्वीर प्रस्तुत करती है। इस जघन्य अपराध ने पूरे बिहार को झकझोर दिया है और समाज में व्याप्त अज्ञानता, पाखंड, और असमानता को उजागर किया है।
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Purnia Massacre : डायन बिसाही के शक में एक ही परिवार के 5 लोगों को जलाकर मार डाला
झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, जो सामाजिक न्याय और आदिवासी-दलित समुदायों के उत्थान के लिए निरंतर संघर्षरत हैं, उन्होंने आज टेटगामा गांव का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित परिवार के शोकसंतप्त परिजनों से मुलाकात की, उनके दर्द को समझा, और घटना की विस्तृत जानकारी ली। ज्ञात हो की बिहार के पूर्णिया जिले के मुफसिल थाना के रजीगंज पंचायत के टेटगामा गांव मे 6-7 जुलाई 2025 की रात एक दिल दहलाने वाली घटना हुई जिसमे अंधविश्वास के कारण एक ही आदिवासी परिवार के पांच लोगों बाबूलाल उरांव (40), उनकी पत्नी सीता देवी (35), मां मासोमात कातो देवी (65), बेटा मंजीत उरांव (25), और बहू रानी देवी (23) सभी को डायन-बिसाही के आरोप मे पहले बेरहमी से मारा-पीटा गया और फिर पेट्रोल छिड़क कर ज़िंदा जला कर मार दिया गया। फिर शवों को बोरा में भर कर ट्रेक्टर में लाद कर खेत के गड्ढे में छिपाया गया था।


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इस मामले में 23 नामजद हैं और 150 अज्ञात लोगो के ख़िलाफ़ एफआईआर किया गया, पीड़ित परिवार के अनुसार इस घटना का मुख्य आरोपी स्थानीय नकुल उरांव ही है, जो तांत्रिक का काम करता है और उसी ने गाँव वालों को उकसाया था जिसे बाद में पुलिस ने धर दबोचा है। साथ हीं नकुल उराँव के सहयोगी छोटू उराँव मोहम्मद सनाउल को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
गांव में आदिवासी और दलित समुदाय भय, असमानता, और दबंगों के दबदबे के साए में जी रहा है। उनकी आजीविका हाशिए पर है, और सामाजिक-आर्थिक पिछड़ापन उनकी जिंदगी को और कठिन बना रहा है। पीने को शुद्ध पानी नही है, काम नहीं है, सड़क नहीं है साथ हीं अंधविश्वास का घोर प्रकोप फैला है।इन सबके मद्देनजर झारखंड कांग्रेस कमिटी द्वारा 5 सदस्यीय टीम बनायी गई थी जिनके नेतृव झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष श्री बंधु तिर्की कर रहे थे।
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पूर्णिया टेटगामा की घटना मानवता पर कलंक है-बंधु तिर्की


बंधु तिर्की ने कहा की “पूर्णिया टेटगामा की यह घटना मानवता पर कलंक है। अंधविश्वास और अशिक्षा ने एक निर्दोष परिवार को खत्म कर दिया। यह सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि सामाजिक कुरीतियों और दबंगों की ताकत का परिणाम है। हमारी सरकार और समाज को मिलकर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। मैं मांग करता हूं कि: इस मामले की निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच हो, और दोषियों को कठोरतम सजा दी जाए। पीड़ित परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता और सुरक्षा प्रदान की जाए। अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाए जाएं और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का प्रसार हो। आदिवासी और दलित समुदायों के लिए आजीविका और सुरक्षा के विशेष उपाय किए जाएं।” साथ हीं बंधु तिर्की जी ने परिवार को तात्कालिक ₹21 हज़ार का आर्थिक सहयोग किया।
प्रशासन से की जल्द कार्रवाई की मांग
माननीय तिर्की ने पीड़ित परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और उनके साथ हरसंभव सहायता का वादा किया। साथ हीं घटना से संबंधित जिला जिला पदाधिकारी (DM) एवं पुलिस अधीक्षक (SP) से मिल कर जल्द करवाई का आग्रह किया है और गाँव की मूलभूत समस्याओं जैसे सड़क, शिक्षा, आवास,स्वास्थ्य, पानी और अंधविश्वास को लेकर जागरूकता बढ़ाने का अभियान चलाने की बात कहीं।साथ हीं सरकार परिवार के आर्थिक स्थिति को देखते हुए त्वरित आर्थिक सहायता करते हुए मुआवजा की घोषणा करें।
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मौके पर प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश महासचिव नीरज खलखो, प्रदेश के आदिवासी के अध्यक्ष जोसई मार्डी, राज उराँव, पूर्णिया जिले से अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद बिहार प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र उरांव, परिषद् के राष्ट्रीय युवा उपाध्यक्ष आनन्द लकड़ा, कांग्रेस नेता छोटू सिंह उर्फ नीरज सिंह, कांग्रेस जिला अध्यक्ष बिजेंद्र यादव, सुरेन्द्र उरांव, रावण उरांव, चंदन उरांव , एमरॉन बड़ा, दिलीप लकड़ा, राजद नेता उपेन्द्र शर्मा, लाल बहादुर उराँव, विजय उराँव, सीमा उराँव, बीरेंद्र उराँव, स्थानीय जिला परिषद सदस्य राजीव सिंह, मृतक परिवार से खूबलाल उरांव, राजू उरांव, अर्जुन उरांव, रिंकी देवी आदि उपस्थित थे।
मदन सिंह की रिपोर्ट–
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