रांची: झारखंड में आयोजित जेसीसी सीजीएल परीक्षा के बाद छात्रों में भारी आक्रोश देखने को मिला है। छात्रों का आरोप है कि परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हुआ था, जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर गया। इस स्थिति के मद्देनजर, राज्यपाल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर परीक्षा की निष्पक्षता की जांच की मांग की है।
राज्यपाल ने जेसीसी के अध्यक्ष को भी निर्देश दिए हैं कि वे तथ्यों के साथ स्थिति स्पष्ट करें। गौरतलब है कि 21 और 22 सितंबर को आयोजित हुई परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायतें आई थीं। छात्रों का आरोप है कि परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा के सभी उपायों के बावजूद, पेपर लीक हुआ, जबकि परीक्षा के दौरान इंटरनेट सेवाएं भी दो दिनों के लिए बंद कर दी गई थीं।
जेसीसी कार्यालय के बाहर छात्रों ने प्रदर्शन किया और उनके विरोध के बाद, उन्हें आश्वासन दिया गया कि फोरेंसिक जांच होगी। यदि पेपर लीक की पुष्टि होती है, तो परीक्षा रद्द की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, छात्रों ने यह भी सवाल उठाया कि क्या उनकी उम्र सीमा बढ़ाई जाएगी, क्योंकि कई अभ्यर्थियों की उम्र परीक्षा के समय तक समाप्त हो सकती है।
इस मामले में राजनीतिक विवाद भी शुरू हो गया है। बीजेपी ने राज्य सरकार पर हमला बोला है, आरोप लगाते हुए कि परीक्षा निष्पक्षता के मानकों पर खड़ी नहीं उतरी है। झारखंड हाई कोर्ट में भी इस मामले को लेकर जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें सीबीआई जांच की मांग की गई है।
संपूर्ण परीक्षा प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं, और यह चिंता बढ़ जाती है कि यदि ऐसा चलता रहा, तो छात्रों का भविष्य अंधकार में डूब सकता है। सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि इस तरह की घटनाएँ भविष्य में न हों और छात्रों का विश्वास फिर से बहाल हो सके।
झारखंड में जेसीसी सीजीएल परीक्षा की स्थिति ने सभी की चिंता बढ़ा दी है। राज्यपाल की जांच की मांग और छात्रों के प्रदर्शनों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार को इस मामले में कार्रवाई करनी होगी, ताकि परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता बहाल हो सके।