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पटना: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शनिवार को बिहार के दौरा पर हैं। राहुल गांधी पटना पहुंचने के बाद बापू सभागार में आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे। राहुल गांधी ने संविधान सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा और आरएसएस पर जम कर हमला बोला और हर जगह पर पिछड़ा वर्ग, दलित आदिवासी को हिस्सेदारी नहीं देने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने सबसे पहले संविधान की एक प्रति दिखाते हुए कहा कि जब हम इस किताब को देखते हैं तो हम चाहते हैं कि संविधान देश के कोने कोने तक पहुंचे। हमारे लिए यह सिर्फ एक किताब नहीं है। इस किताब में हजारों वर्ष की सोच है, हिंदुस्तान की सोच है। हर राज्य में बड़े से बड़े महापुरुषों की आवाज संविधान में है। इस देश में हजारों वर्षों से दलित, पिछड़ों, आदिवासियों के खिलाफ जो अन्याय किया गया, उन लाखों करोड़ों का दुःख दर्द भी इस संविधान में है। इस संविधान ने उस दर्द को कम किया है।
हमारी सोच है कि बहती हुई गंगा का पानी जैसे हर जगह जाता है वैसे ही संविधान की सोच भी हर लोगों तक जाए। राहुल गांधी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आजादी को लेकर दिए बयान पर राहुल गांधी ने कहा कि अगर मोहन भागवत कह रहे हैं कि अगर 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी नहीं मिली तो वे संविधान को नहीं मानते हैं। वे अंबेडकर, भगवान बुद्ध, गांधी जी, बाबा फूले की सोच को वे मिटाने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि संविधान में कहां लिखा है कि देश का पूरा धन दो से तीन आदमी के पास ही जाना चाहिए।
मोदी जी कहते थे कि जब चार सौ सीट आएगा तो हम संविधान बदल देंगे। हमने आपने उन्हें संविधान की सच्चाई बताई। वे चाहते थे कि संविधान को उठा कर फेंक देंगे लेकिन हिंदुस्तान की जनता ने कहा कि अगर इसे माथे पर नहीं रखा तो हम तुम्हे फेंक देंगे। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि मैं लोकसभा में भाजपा के दलित, पिछड़े वर्ग के सांसदों से मिलता हूं तो वे कहते हैं कि हमें पिंजरा में यहां टांग रखा है।
पॉवर कहीं और है और प्रतिनिधित्व कहीं और। देश की बड़ी कंपनी की लिस्ट निकालिए आपको पिछड़े वर्ग के एक भी मालिक या बड़े पद पर बैठे एक भी कर्मी नहीं मिलेंगे। मीडिया की बात देखिए, कुछ 15 – 20 मीडिया कंपनी है और वह देश का नेरेटिव सेट करते हैं। मैंने इस पर सोचा कि आखिर ये मीडिया के लोग पिछड़े वर्ग के लोग, किसानों की बात क्यों नहीं करते हैं तो पता चला कि इसमें एक भी पिछड़े वर्ग, दलित वर्ग के मालिक नहीं हैं। राहुल गांधी ने देश में स्वास्थ्य विभाग हो, शिक्षा विभाग हो या कोई भी विभाग उसमें कोई भी पिछड़े वर्ग के लोग नहीं हैं।
राजनीतिक रूप से प्रतिनिधित्व तो दे दिया गया लेकिन सत्ता नहीं दी गई। राहुल गांधी इस दौरान पूरी तरह से भाजपा और आरएसएस पर हमलावर दिखे और कहा कि प्रतिनिधित्व तो इन लोगों ने पिछड़े, दलित और आदिवासी वर्ग के लोगों को दे दिया लेकिन जब पॉवर की बात आई तो इन लोगों ने हर जगह अपने लोगों को भर दिया।
देश का धन, देश का उद्योग सब अंबानी अदानी को दे दिया गया। इस दौरान राहुल गांधी ने जातिय आबादी की बात करते हुए कहा कि अगर आप बात करें तो लोग लगभग में बताएँगे लेकिन ये नहीं कह सकेंगे कि हाँ इतना है ही। आप जब बड़े पदों के अधिकारी की सूची देखेंगे तो देश की आबादी दलित, पिछड़ा और आदिवासियों की आबादी 90 प्रतिशत होने के बाद भी सूची में तीन ओबीसी अधिकारी, तीन दलित अधिकारी ही दिखेंगे। उन्हें निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। वे लोग 100 रूपये के बजट में मात्र एक रूपये का निर्णय ले सकते हैं।
निजी क्षेत्रो में पिछड़े वर्ग के एक भी लोग नहीं हैं, पूरा का पूरा धन उनके पास जा रहा है। राहुल गांधी ने जातिय गणना की बात करते हुए कहा कि हमलोग छोड़ने वाले नहीं है। हम हर हाल में जातिय गणना करवाएंगे और वह भी बिहार जैसा नहीं। बिहार में जातिय गणना में कई गड़बड़ी हैं तो हम बिहार वाला जातिय गणना की मांग नहीं करते बल्कि पारदर्शी जातिय गणना करवाएंगे और उसके आधार पर जिसकी जितनी आबादी है उसे उतनी हिस्सेदारी दी जाएगी।
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पटना से विवेक रंजन की रिपोर्ट
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