लखनऊ । Rahul Gandhi ने तमाम मीडिया की चकाचौंध के बीच और लगातार क्लिक होते कैमरों के फ्लैश के बीच रायबरेली लोकसभा सीट से शुक्रवार को कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल कर दिया। उनके साथ इस दौरान उनकी मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद रहे। इस दौरान बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा रायबरेली के साथ ही अमेठी की भी चुनावी कमान संभाल रही हैं। यही कारण है कि अमेठी में केएल शर्मा के नामांकन के बाद वह तुरंत रायबरेली पहुंचीं। दोनों ही सीटों पर जीत-हार के साथ सियासी रणनीति में उनकी धार के सबसे खास जोर-आजमाइश ही मीडिया के लिए कौतुहल का विषय है।
रायबरेली और अमेठी की चुनावी कमान प्रियंका के हाथों में
शुक्रवार को अमेठी पहुंचते ही Priyanka Gandhi ने घोषित किया कि वह अगले 6 मई से मतदान होने तक क्षेत्र में ही बनी रहेंगी। यानी वह रायबरेली और अमेठी में इस दौरान लगातार सक्रिय दिखेंगी जिसका चुनाव पर असर पड़ना स्वाभाविक माना जा रहा है। Priyanka Gandhi ने अमेठी पहुंचने पर कहा कि ‘हम अमेठी में एक बार फिर सच्चाई और सेवा की राजनीति वापस लाना चाहते हैं। हम जनता के बल पर चुनाव लड़ेंगे।
धनबल नहीं, जनबल के बूते इस चुनाव में यहां कांग्रेस चुनाव समर में उतरी है। अब मौका आ गया है कि हम सब इस पूरे देश में एक संदेश दें कि हम सेवा की राजनीति वापस लाना चाहते हैं। अगले 6 मई से लेकर चुनाव तक अमेठी में रहूंगी। इस चुनाव में भी आपसे (जनता से) उम्मीद रखती हूं कि आप भी हमारे साथ रहेंगे, लड़ेंगे और जिताएंगे’।


प्रियंका और करीबियों के समझाने पर रायबरेली से लड़ने को माने Rahul Gandhi
बता दें कि Loksabha Election 2024 में दिल्ली की सत्ता का रास्ता जिस यूपी से होकर जाने की बात सियासी हलके में आम है, उसी यूपी में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस में गांधी परिवार के पारंपरिक सीट माने जाने वाले अमेठी और रायबरेली से भी इस बार गांधी परिवार को मौजूदा वारिस राहुल गांधी चुनाव लड़ने से साफ मना कर चुके थे। अमेठी के नाम पर उन्होंने तो तौबा कर लिया था।
उन्होंने इस बारे में अपनी मां सोनिया गांधी, बहन प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी में अपने चुनिंदा करीबियों से साफ तौर पर कह दिया था। कांग्रेस के व्यापक हित के साथ ही सियासत में अपने सेफ भविष्य के लिए भी इसे जरूरी मान रहे थे और यूपी में किसी भी सीट से उतरना आत्मघाती गोल मान चुके थे।
उनके करीबी भी उनकी इस सोच से वाकिफ थे लेकिन अंतिम समय पर अन्य कोई मजबूत विकल्प न मिलने पर राहुल और प्रियंका को ही चुनाव में यूपी में इन दो सीटों से उतरने के लिए दबाव बना तो भी राहुल गांधी ने साफ तौर पर पार्टी के भीतर अमेठी के लिए ना कर दिया और बहन प्रियंका के लिए रायबरेली से पूरे जीजान से जुटने की बात कही थी।
उसके बाद कांग्रेस में गांधी परिवार के करीबी सिपहसालारों की आपसी गुफ्तगू के बाद प्रियंका से चर्चा होने की बात सामने आई। उसके बाद अचानक प्रियंका ने भाई का नाम खुद आगे बढ़ाते हुए रायबरेली में खुद सारथी के रूप में चुनावी कमान संभालने की बात कहकर राहुल गांधी को आखिरकार यूपी से चुनावी समर में उतरने को राजी किया।


बता दें कि शुरुआती दौर में प्रियका गांधी रायबरेली को लेकर रुचि दिखा रही थीं। वह यहां से चुनाव लड़ना चाहती थीं। लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं ने रायबरेली से प्रियंका के बजाय राहुल का नाम रायबरेली के लिए आगे बढ़ाया। इसी पर प्रियंका ने चुप्पी साध ली। राहुल गांधी के लिए पार्टी ने अमेठी से ज्यादा रायबरेली को सुरक्षित माना है क्योंकि यह सीट अभी तक कांग्रेस के पास ही है।
अमेठी और रायबरेली सीट पर नामांकन की आखिरी तारीख आज है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को यूपी से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी नेताओं को लंबे समय तक मान मन्नौवल करना पड़ा। वह उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं थे। यही वजह है कि इन दोनों सीटों पर पार्टी के नेता भी कुछ भी कहने से बचते रहे। कल देर रात कोई बैठक में राहुल गांधी ने अमेठी से चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया। ऐसे में उन्हें विरासत का हवाला देकर रायबरेली के लिए मनाया गया।
पार्टी नेताओं का मानना है कि विपरीत परिस्थितियों में भी रायबरेली की जनता ने कांग्रेस का हाथ नहीं छोड़ा था। अभी भी वहां पार्टी को लेकर उत्साह है। यह कांग्रेस के लिए प्रदेश की सबसे सुरक्षित सीट है। इस वजह से इस सीट को नही छोड़ा जा सकता है। इस पर राहुल ने हामी भरी।
Rahul Gandhi रायबरेली से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव, Priyanka Gandhi नहीं लड़ेंगी चुनाव
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