कोलंबो : श्रीलंका में बिगड़े हालात- श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने
लोगों से साथी नागरिकों के खिलाफ “हिंसा और बदले की कार्रवाई” बंद करने का आग्रह किया.
राष्ट्र के सामने आने वाले राजनीतिक और आर्थिक संकट को दूर करने का संकल्प व्यक्त किया.
इससे पहले राष्ट्रपति के बड़े भाई और पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को नौसेना के अड्डे पर भेज दिया गया.
उनके समर्थकों पर एक के बाद एक हो रहे हमलों के बाद उनकी सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया.
अब तक 8 लोगों की हुई मौत
देश में हिंसा में कम से कम आठ लोगों की जान अब तक जा चुकी है.
कोलंबो और देश के अन्य हिस्सों में करीब 250 लोग हिंसा में घायल भी हुए हैं.
सबसे खराब आर्थिक संकट पर लोगों के बढ़ते गुस्से के बीच सत्तारूढ़
राजपक्षे परिवार के पैतृक घर को भीड़ द्वारा जलाए जाने के बाद पूरे द्वीपीय राष्ट्र में कर्फ्यू लागू है.
हालांकि महिंदा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया है, लेकिन इसके बावजूद सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए और वे राष्ट्रपति गोटबाया का भी इस्तीफा मांग रहे हैं.
राष्ट्रपति ने लोगों से की ये अपील
राष्ट्रपति राजपक्षे ने हिंसा भड़कने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे शांत रहें और हिंसा को रोकें, चाहे उनका राजनीतिक जुड़ाव कोई भी हो. संवैधानिक जनादेश के भीतर आम सहमति के माध्यम से राजनीतिक स्थिरता बहाल करने और आर्थिक संकट को दूर करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे.’’ हिंसा के दौरान कई पूर्व मंत्रियों व नेताओं के घरों को आग लगा दी गई थी.
उपद्रवियों पर गोली मारने का आदेश
इसके कुछ घंटों बाद रक्षा मंत्रालय ने थल सेना, वायुसेना और नौसेना कर्मियों को सार्वजनिक संपत्ति को लूटने या आम लोगों को चोट पहुंचाने वाले किसी भी दंगाई को गोली मारने का आदेश दिया. देश में हिंसा के बीच चीन ने मंगलवार को कहा कि वह श्रीलंका में घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहा है. चीन ने द्वीपीय राष्ट्र में खासा निवेश किया है और उसने वहां काम कर रहे अपने नागरिकों को सतर्क रहने और जोखिमों से बचने के लिए कहा है.
श्रीलंका पर बीजिंग की भी नजर
बीजिंग ने श्रीलंका में तेजी से हो रही घटनाओं को देखते हुए, प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है, जिन्होंने अपने गृहनगर हंबनटोटा के बंदरगाह सहित बड़े पैमाने पर चीनी निवेश का मार्ग प्रशस्त किया था. चीन ने एक ऋण के बदले हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल के लिये पट्टे पर ले लिया था.
कोलंबों में सेना तैनात
देश में आर्थिक संकट के बीच सोमवार को महिंदा राजपक्षे (76) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इस घटनाक्रम से कुछ घंटे पहले महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद राजधानी कोलंबो में सेना के जवानों को तैनात किया गया था और राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगा दिया गया था. हमले के बाद राजपक्षे समर्थक नेताओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क गई थी.