Dhanbad-राजरत्न अंबेडकर- यदि भारत की आजादी के बाद बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर को देश का प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला होता तब आज भारत की तस्वीर कुछ दूसरी ही होती. यह कहना है बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर के प्रपौत्र राजरत्न अंबेडकर का.
महाराष्ट्र में देख चुके हैं झारखंड का नजारा- राजरत्न अंबेडकर
देश में बहुजनों के बीच सामाजिक-राजनीतिक जागरुकता पर काम कर रहे राजरत्न अंबेडकर ने
झारखंड में जारी राजनीतिक सियासी घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि
आज जो झारखंड में हो रहा है, उसका नजारा हम पहले ही महाराष्ट्र में देख चुके हैं.
इस देश की ब्राह्म्णवादी शक्तियां किसी भी कीमत पर किसी बहुजन को सीम पीएम के पद पर देखना नहीं चाहती.
कांग्रेस भाजपा दोनों ही बहुजनों का दुश्मन
राजरत्न अंबेडकर ने कहा कि यह बात सिर्फ भाजपा के लिए लागू नहीं होती,
कांग्रेस का भी यही हाल है. दोनों एक जैसे हैं. दोनों की राजनीतिक विचारधारा एक है.
जय भीम का नारा करीबन करीबन सभी दलों की ओर से लगाया जाता है,
देश के प्रधानमंत्री भी जय भीम का नारा लगाते हैं, राहुल गांधी भी जय भीम बोलते हैं,
लेकिन याद रखिये, बाबा साहेब इनके दिलों में नहीं बसते,
वह इनकी राजनीतिक-सामाजिक जरुरत है, इनकी रणनीतिक विवशता है,
यह लोग जय भीम बोलकर बाबा साहब के अनुयायियों को भटकाना चाहते हैं.
इसलिए भाजपा हो या कांग्रेस दोनों से ही बचकर रहने की जरुरत है.
बहुजनों के लिए बुद्ध का रास्ता मुक्ति का रास्ता–राजरत्न अंबेडकर
बहुजनों को मुक्ति का संदेश देते हुए राजरतन अंबेडकर ने कहा है कि
हमें बाबा साहेब की राह पर चलकर बौद्ध धर्म को अंगीकार करना होगा,
तब ही हमें मुक्ति का राह मिलेगा.
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