रामगढ़: विधानसभा सीट पर आगामी चुनाव में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है। मौजूदा विधायक सुनीता चौधरी, जिन्होंने हाल ही में हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की थी, इस बार भी आजसू पार्टी की ओर से चुनावी मैदान में उतरने की संभावना है। हालांकि, इस बार उनके सामने कई चुनौतियाँ हैं।
पिछले चुनाव में ममता देवी ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी, लेकिन उनके जेल जाने के बाद सुनीता चौधरी को मौका मिला। ममता देवी यदि चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य साबित होती हैं, तो उनके पति या कोई और कांग्रेस प्रत्याशी मैदान में हो सकते हैं। कांग्रेस का समर्थन, खासकर ममता देवी के प्रति क्षेत्रीय जनता का विश्वास, सुनीता चौधरी के लिए बड़ी चुनौती हो सकता है।
इस बार रामगढ़ में एक और महत्वपूर्ण फैक्टर है – जयराम महतो की पार्टी। लोकसभा चुनावों में इस क्षेत्र से जेल केम के उम्मीदवार संजय मेहता को 55,000 वोट मिले थे, जो दर्शाता है कि जयराम महतो की पार्टी का इस क्षेत्र में खासा प्रभाव है। इस नए राजनीतिक ताकत के उभार से त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना बढ़ गई है।
इसके साथ ही, परिवारवाद का मुद्दा भी सुनीता चौधरी के खिलाफ उठ सकता है। चंद्रप्रकाश चौधरी और उनके परिवार का रामगढ़ पर लम्बे समय से दबदबा रहा है, और विपक्ष इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश करेगा।
यह चुनाव सुनीता चौधरी के लिए आसान नहीं होगा। उनके सामने कांग्रेस और जेल केम दोनों ही प्रमुख प्रतिद्वंद्वी होंगे, और अगर क्षेत्र में उनके काम से जनता संतुष्ट नहीं होती, तो उन्हें इस बार भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।