Ramgarh: हिंदू टाइगर फोर्स के द्वारा रविवार संध्या को बांग्लादेशी और रोहिंगया मुसलमानों को झारखंड समेत देश से खदेड़ने की मांग को लेकर दर्जनों कार्यकर्ताओं ने फुटबॉल ग्राउंड से सुभाष चौक तक विरोध मार्च निकाला। इसका नेतृत्व हिंदू टाइगर फोर्स के अध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी रामगढ़ दीपक सिसोदिया ने किया।
Ramgarh: झारखंड के कई हिस्सों में डेमोग्राफी बदल रही
इस दौरान उन्होंने कहा कि दो दशक से बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमानों के कारण संथाल परगना समेत रामगढ़ और झारखंड के कई हिस्सों को डेमोग्राफी बहुत तेजी से बदल रही है। कोर्ट में इस पर याचिका भी दायर हुई, ताकि घुसपैठियों को पहचान कर उन्हें वापस भेजा जाए। हालांकि इस पर कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यहां आने के बाद अवैध लोग सबसे पहले पहचान पत्र बनाते हैं। दूसरा काम वह यह करते हैं कि यहां के मूल आबादी से जुड़ जाते हैं। 90 के दशक में 17000 से अधिक अवैध बांग्लादेशी की पहचान हुई थी।
Ramgarh में अनुमानित 60 हजार से अधिक घुसपैठिया रह रहे हैं
उन्होंने कहा कि उनके वोटिंग राइट्स को निरस्त कर दिए गए थे, लेकिन उन्हें वापस नहीं भेजा गया था। अब वे कहां है किसी को नहीं पता है। आज सिर्फ हमारे रामगढ़ जिले में अनुमानित 60 हजार से अधिक घुसपैठिया रह रहे हैं। दामोदर नदी के किनारे सरकारी जमीन पर रेलवे की जमीनों पर या अवैध रूप से कब्जा किए हुए हैं। कुछ लोकल लोग इनका आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड बनवा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि झारखंड में सरन लेने का एक अन्य कारण और खतरनाक है। ये चिकन्स नेक के करीब है। मतलब सिलीगुड़ी के पास। लगभग 22 किलोमीटर का दायरा है, जो पूर्वोत्तर को बाकी देश से जोड़ता है। अगर ऐसे ही इलाकों में अपनी पैठ बना लेंगे तो कई देश विरोधी काम को अंजाम दिए जा सकेंगे।
Ramgarh: बाहरी ताकते यहां एक्टिव
सिसोदिया ने आगे कहा कि राज्य का बॉर्डर बांग्लादेश के पास है, यह सीधा नहीं, लेकिन बीच में पश्चिम बंगाल है, जो ब्रिज का काम करता है। कई बाहरी ताकते यहां एक्टिव हैं, जो लोकल चरमपंथियों जैसे पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) के साथ मिलकर काम करती है। इन्हीं के जिम्मे फेक पहचान बनाने का काम होता है।
रविकांत की रिपोर्ट