हटाई गई 10,388 पोषण सखियों को फिर से बहाल करने पर होगा विचार- मंत्री मुजपारा महेंद्रभाई
रांची : मंत्री जोबा मांझी ने की ये मांग- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार की
जोनल बैठक रांची के बीएनआर चाणक्या होटल में हुई.
बैठक को संबोधित करते हुए झारखंड महिला बाल विकास मंत्री जोबा मांझी ने
कहा कि राज्य की गर्भवती और कुपोषित महिलाओं पर ध्यान देने का केंद्र सरकार ने भरोसा दिलाया है.
उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री मुजपारा महेंद्रभाई से कहा कि राज्य में आंगनबाड़ी खोलने के लिए
तय आबादी की शर्त में छूट दी जाए. ऐसा होने पर जंगल और दूरदराज के इलाकों तक पहुंच बढ़ सकेगी.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका, पोषण सखियों की पहुंच
सुदूर इलाकों तक बढ़े इसके लिए वाहन की आवश्यकता है.
केंद्र सरकार पर्याप्त राशि नहीं भेज रही है जिस वजह से योजनाओं को संचालित करने में परेशानी हो रही है.
केंद्र सरकार जल्द से राशि भेजे ताकि योजना चलाने में सहूलियत हो.
वे आज महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से
Zonal meet of Aspirational Districts-Impact on Women and Children fire Zonal की बैठक में अपनी बात रख रही थी. साथ ही उन्होंने केंद्र की सहयोग राशि भी बढ़ाने की मांग की. राज्य की स्थिति और समस्या से भी अवगत कराया है. बता दें कि यह बैठक केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की अध्यक्षता में होनी थी, लेकिन उनका रांची दौरा रद्द हो गया. केंद्रीय राज्य मंत्री मुजपारा महेंद्रभाई की अध्यक्षता में ये बैठक हुई.
सुकन्या समृद्धि योजना में पैसे जमा करें अभिभावक- मुजपारा महेंद्रभाई
मंत्री मुजपारा महेंद्रभाई ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पोषण सखियों को कहीं भी एडजस्टमेंट किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब बच्ची हमारे यहां जन्म लेती है तब से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरुआत की जाती है. सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में बताते हुए कहा कि जैसे बच्ची जन्म लेगी उसके बाद उनके अभिभावक अपने आय के अनुसार कुछ पैसे जमा करते हैं. उसके बाद जब बच्ची बड़ी हो जाएगी तो सरकार की ओर से सुकन्या योजना का लाभ मिलेगा.
इन योजनाओं का उठाएं लाभ
मंत्री मुजपारा महेंद्रभाई ने कहा कि कोरोना में जिन बच्चों के माता-पिता का देहांत हो गया है, उन बच्चों को पीएम केयर फंड से 4000 रुपए प्रत्येक माह मिलेंगे. जब तक 18 साल पूरा नहीं हो जाता है, उसके आगे 10 लाख हायर एजुकेशन के लिए सरकार देगी. जन आरोग्य योजना के तहत अगर कोई बच्चा गंभीर बीमारी से ग्रसित है तो उसे इस योजना के तहत लाभ दिया जाएगा.
70 प्रतिशत कार्य होने के बाद केंद्र जारी करता है फंड
मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी योजना में 60 प्रतिशत केंद्र सरकार का बजट होता है और 40 प्रतिशत राज्य सरकार का होता है. अगर 70 प्रतिशत तक कार्य हुआ है तो केंद्र सरकार की ओर से सर्टिफिकेट दी जाती है, और उसी के आधार पर फंड जारी किया जाता है.
रांची-गुमला जिले के कार्यों की चर्चा
तय कार्यक्रम में आकांक्षी जिले के प्रदर्शन पर पैनल डिस्क्शन भी आयोजित किया जाना है. इसमें अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिले यथा रांची, गुमला के अनुभव तथा जिले में किये कार्यों के संबंध में जानकारी साझा की जाएगी. साथ ही बैठक के अगले एक घंटे में गिरिडीह जिले में वन स्टॉप सेंटर से सहयोग प्राप्त करने वाली एक महिला की कहानी और उसकी सफलता से अवगत कराया जाएगा. बैठक में झारखंड, ओडिसा और छत्तीसगढ़ के सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों तथा झारखंड में योजनाओं का लाभ ले रहे लाभार्थी अपने अनुभव साझा करेंगे.
इनकी रही उपस्थिति
बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार के राज्य मंत्री डॉ मुजपारा महेन्द्रमाई, , महिला एवं बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग झारखंड सरकार की मंत्री जोबा मांझी, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार सचिव इंदेवार पाण्डेय, ओड़िशा एवं छत्तीसगढ़ की संयुक्त सचिव तृप्ति गुरहा, निदेशक समाज कल्याण विभाग झारखंड सरकार ए दौड्डे, उपायुक्त रांची छवि रंजन, उपायुक्त गुमला सुशांत गौरव, उपविकास आयुक्त रांची विशाल सागर उपस्थित रहे.
रिपोर्ट: करिश्मा सिन्हा