सन ऑफ मल्लाह का रांची आगमन, अब तेज होगी निषाद समाज और अतिपिछड़ों की लड़ाई

सन ऑफ मल्लाह के रांची आगमन  पर गरमायी झारखंड की राजनीति 

Ranchi– वीआईपी पार्टी बंगाल, दिल्ली की तरह झारखंड, उत्तरप्रदेश और बिहार में भी निषाद समाज को अनुसूचित जाति, जन जाति में लाये जाने की लड़ाई लड़ेगी.

बिहार के पशुपालन और मत्स्य संसाधन मंत्री तथा विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक मुकेश सहनी ने रांची के रेडिसन ब्लू में पत्रकारों को संबोधित करते हुए इसकी जानकारी दी है.

मुकेश सहनी ने कहा कि विकासशील इंसान पार्टी निषाद समाज के साथ ही अति पिछड़ों की लड़ाई भी लड़ेगी. उनका मान-सम्मान और हक की लड़ाई लड़ेगी. झारखंड, बिहार और उत्तरप्रदेश में निषाद समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए प्रस्ताव दिल्ली भेजा जा चुका है. अब केन्द्र सरकार से लड़ाई लड़ कर इस मांग को पूरा करवाना है. इसके लिए जरुरी है कि इन सभी राज्यों में वीआईपी के संगठन का विस्तार हो.

झारखंड में संगठन की विस्तार की बनाई जा रही है योजना 

झारखंड में संगठन विस्तार करने की रणनीति बनाई जा रही है. झारखंड में निषाद समाज की एक बड़ी आबादी निवास करती है, लेकिन उनकी राजनीतिक हैसियत नहीं है. किसी भी राजनीतिक पार्टी ने उन्हे प्रतिनिधित्व नहीं दिया. यही कारण है कि निषाद समाज का कोई विधायक नहीं है.

झारखंड का निर्माण इस सपने के साथ हुआ था कि इससे झारखंड का विकास होगा, समाज के दबे कुचले और वंचित समाज में खुशहाली आएगी. लेकिन यह सपना अधूरा रह गया.

अति पिछड़ों के आरक्षण को 15 प्रतिशत बढ़ाने की मांग

सन ऑफ मल्लाह  के नाम से चर्चित सहनी ने कहा कि जब से बिहार में अति पिछड़ों के आरक्षण को 15 प्रतिशत बढ़ाने की मांग की गयी है, तब से  वीआईपी पार्टी सभी राजनीतिक दलों के निशाने पर हैं.

मुकेश सहनी ने हम इनके हक की लड़ाई लड़ते रहे हैं, यही कारण है कि हमें इनका प्यार और सम्मान मिलता रहा है.अब तक अति पिछड़ों के कल्याण के लिए नारे खूब लगे, सियासत में इनके वोटों का भी खूब इस्तेमाल किया गया, लेकिन उनकी सामाजिक राजनीतिक  हिस्सेदारी नहीं दी गयी.

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