रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम आज घोषित किए जाएंगे, और इस बार का चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक माना जा रहा है। सबसे बड़ी चर्चा का विषय महिलाओं की अभूतपूर्व भागीदारी रही, जिसने राज्य की राजनीति में नई धार दी है। 2024 के विधानसभा चुनाव में महिला मतदाताओं का प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले करीब 5% अधिक रहा। झारखंड की 81 में से 68 सीटों पर महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा मतदान किया, जबकि बगोदर और धनवार जैसे क्षेत्रों में हजारों महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया।
Highlights
महिलाओं की बढ़ती ताकत
अगर आंकड़ों पर नजर डालें, तो झारखंड में महिलाओं का मतदान प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है।
- 2014 में महिलाओं ने 67% और पुरुषों ने 65.9% मतदान किया था, यानी महिलाओं का प्रतिशत 1.1% अधिक था।
- 2019 में, महिलाओं ने 66.92% और पुरुषों ने 63.5% मतदान किया, जिससे यह अंतर बढ़कर 2.66% हो गया।
- 2024 में, यह अंतर और बढ़कर करीब 5% हो गया, जिससे स्पष्ट होता है कि झारखंड की आधी आबादी राजनीतिक प्रक्रिया में पहले से कहीं अधिक सक्रिय हो चुकी है।
महिला-केंद्रित योजनाओं की भूमिका
महिलाओं के इस बड़े मतदान को लेकर दोनों प्रमुख गठबंधन, इंडिया गठबंधन और एनडीए, अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं।
- सत्ताधारी गठबंधन “महिला सम्मान योजना” और “गोगो दीदी योजना” जैसी योजनाओं का श्रेय लेते हुए आशान्वित है।
- वहीं, विपक्ष ने इन योजनाओं को चुनावी फायदा उठाने के लिए देर से लागू करने का आरोप लगाया है।
महिलाओं के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि योजनाओं का लाभ उन्हें सही समय पर क्यों नहीं दिया गया। दूसरी ओर, इंडिया गठबंधन का दावा है कि उनकी नीतियों ने महिलाओं को अधिक सशक्त बनाया है, जिसका परिणाम चुनाव में दिखेगा।
राजनीतिक दलों में बेचैनी
झारखंड की राजनीति पर करीब से नजर रखने वाले विशेषज्ञ मानते हैं कि महिलाओं की यह बढ़ी हुई भागीदारी सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए चुनौती और अवसर दोनों है।
- ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की भागीदारी का असर खासतौर पर झामुमो-कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में जा सकता है।
- शहरी क्षेत्रों में महिलाओं का झुकाव एनडीए की ओर होने की संभावना जताई जा रही है।
क्या कह रहे हैं एग्जिट पोल?
एग्जिट पोल के मुताबिक, झारखंड की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है। एक्सेस माय इंडिया के अनुमान के अनुसार, इंडिया गठबंधन को 53 सीटें, जबकि एनडीए को 26 सीटें मिलने की संभावना है। हालांकि, चुनाव परिणाम आने के बाद ही साफ हो पाएगा कि महिला मतदाताओं का समर्थन किसने जीता।
सत्ता परिवर्तन का संकेत?
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि महिलाएं किसी दल के पक्ष में बड़े पैमाने पर मतदान करती हैं, तो सत्ता परिवर्तन की संभावना मजबूत हो जाती है। 2024 के चुनाव में झारखंड की आधी आबादी का निर्णय यह तय करेगा कि सत्ता पर किसका अधिकार होगा।
अब सबकी नजरें चुनाव परिणाम पर टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या महिलाओं का बढ़ा हुआ वोट प्रतिशत झारखंड की राजनीतिक तस्वीर बदलने में सफल होता है।