डिजीटल डेस्क : RG Kar Case – पश्चिम बंगाल विधानसभा का विशेष सत्र के पहले दिन छाया RG Kar Case, भाजपा ने परिसर में निकाला मौन जुलूस । राजधानी कोलकाता स्थित RG Kar मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मेडिकल छात्रा के रेप और मर्डर का मामला सोमवार को शुरू हुए विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन छाया रहा।
विशेष सत्र के पहला दिन दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को श्रद्धांजलि देने के साथ ही अगले दिन तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले शोक प्रस्ताव के पढ़े जाने के दौरान नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी की अगुवाई में भाजपा विधायकों ने पढ़े जा रहे प्रस्ताव में RG Kar कांड की शिकार हुई मेडिकल छात्रा का उल्लेख न होने पर गंभीर नाराजगी जाहिर की।
साथ ही सत्तारूढ़ दल के इस आचरण के खिलाफ RG Kar मामले में पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए विधानसभा परिसर में एक मौन जुलूस निकाला गया।
विधानसभा में RG Kar की पीड़िता के लिए भाजपा विधायकों ने रखा मौन
पश्चिम बंगाल के विधानसभा का विशेष सत्र शुरू होते ही भाजपा विधायक दल नेता शुभेंदु अधिकारी ने सदन की पटल पर पेश शोक प्रस्ताव में RG Kar मेडिकल कॉलेज की मृत छात्रा के संबंध में भी उल्लेख किए जाने की मांग की और विभत्स कांड की शिकार होकर मरने वाली छात्रा के लिए शोक प्रस्ताव पारित करने की मांग की।
उस पर स्पीकर विमान बंदोपाध्याय ने नीति और कानूनसंगत नियमावलियों का हवाला देते हुए उस मांग को अस्वीकार कर दिया। उसके बाद शोक प्रस्ताव पारित होते ही सोमवार के लिए सदन स्थगन की घोषणा हुई लेकिन भाजपा विधायक अपनी सीटों पर बैठे रहे।
करीब आधा खाली हो चुके सदन में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मृत छात्रा के साथ हुई घटना का उल्लेख करते हुए सरकार की आलोचना की एवं दिवगंत आत्मा की शांति लिए एक मिनट का मौन रखा।
बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के नियमों का हवाला देते हुए उन्होंने स्पीकर से अनुरोध किया था कि RG Kar की दिवंगत बहन के नाम का उल्लेख किए बिना ही उसके शोक में प्रस्ताव पारित किया जाए लेकिन उसे अस्वीकार कर दिया गया।
मंगलवार को पेश होगा अपराजिता महिला एवं शिशु विधेयक
ममता बनर्जी की सरकार द्वारा विधानसभा में रेप के आरोपियों को मौत की सजा के बाबत मंगलवार को विधेयक लाया जा रहा है।
राज्य की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा ने कहा कि ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि रेप के आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर विधेयक पेश किया जाएगा।
मंगलवार 3 सितंबर को विशेष सत्र के दौरान यह विधेयक पेश होगा और उसे राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह बिल कानून बन जाएगा।
ममता सरकार की जघन्य अपराधों में उदासीनता का उल्लेख कर चुकी हैं केंद्रीय मंत्री
बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रेप जैसे मामलों में मौत की सजा के प्रावधान और जल्द सुनवाई किये जाने का मुद्दा उठाते हुए दो बार प्रधानमंत्री को पत्र लिख चुकी हैं। उसका जवाब भी केंद्रीय एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने दिया है।
जवाब में केंद्रीय एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने लिखा है कि भारतीय न्याय संहिता बीते 1 जुलाई से लागू हो गयी है और भारतीय दंड संहिता में महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। साथ ही उन्होंने राज्य में फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना को लेकर राज्य सरकार की उदासीनता को भी दर्शाया है।
पत्र में केंद्रीय मंत्री ने लिखा कि इस साल 30 जून तक पश्चिम बंगाल में 48,600 बलात्कार और पाक्सो मामले लंबित हैं एवं उसके बावजूद, पश्चिम बंगाल सरकार ने 11 और फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने के लिए कोई पहल नहीं की है।