डिजीटल डेस्क : RG Kar – Protest – जूनियर डॉक्टरों को धर्मतल्ला में धरना-आमरण अनशन की अनुमति नहीं, पुलिस ने भेजा ई-मेल। बीते 9 अगस्त को RG Kar मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मेडिकल छात्रा के रेप और मर्डर का मामला अभी शांत नहीं हुआ है।
घटना के लेकर नाराज जूनियर डॉक्टरों ने अब आमरण अनशन शुरू करने का अल्टीमेटम देकर कोलकाता का केंद्र कहे जाने वाले धर्मतल्ला में मेट्रो चैनल के पास धरना देना शुरू कर दिया है।
इस बीच कोलकाता पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा ने प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों से परोक्ष तौर पर धरना-स्थल को बदलने को कहा है।
लगे हाथ कोलकाता पुलिस की ओर से डॉक्टरों को भेजे गए ई-मेल में स्पष्ट कर दिया गया है कि उन्हें धर्मतल्ला में धरना-प्रदर्शन की मांगी गई अनुमति नहीं दी गई है।
RG Kar – Protest : पुलिस कमिश्नर ने जूनियर डॉक्टरों को भेजा ई-मेल
बीते शुक्रवार को विरोध जुलूस निकाल रहे जूनियर डॉक्टरों पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद भी जूनियर डॉक्टरों का पारा फिर से हाई हो गया है। उन्होंने सरकार पर दोहरा नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए अब आमरण अनशन का अल्टीमेटम दिया है। साथ ही धर्मतल्ला में टेंट लगाकर धरने पर भी बैठ गए हैं।
पहले से ही नाराज चल रहे जूनियर डॉक्टरों पर कोलकाता पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा किसी भी प्रकार की सीधी कार्रवाई से बचना चाह रहे हैं क्योंकि पूरे प्रकरण पर जनभावना प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के साथ ही और उन पर कार्रवाई होने से पुलिस को भी जनाक्रोश का कोपभाजन बनने की आशंका है।
ऐसे में पुलिस कमिश्नर मनोज वर्मा ने शनिवार को ई-मेल से जूनियर डॉक्टरों को अपना संदेश भेजा। इसमें पुलिस कमिश्नर ने लिखा कि दुर्गापुजा के अहम मौके पर ट्रैफिक के लिहाज से निरंतर व्यस्त रहने वाले धर्मतल्ला में कहीं इस प्रदर्शन से हालात न बिगड़ जाए। ऐसे में उन्होंने डॉक्टरों से धरनास्थल को लेकर पुनर्विचार करने को कहा है।
उसी के बाद जूूनियर डॉक्टरों को एक दूसरा ई-मेल संयुक्त पुलिस कमिश्नर की ओर से भेजा गया। उस ई-मेल में जूनियर डॉक्टरों को स्पष्ट कर दिया गया कि उन्हें धर्मतल्ला में आमरण अनशन और धरने की अनुमति पुलिस की ओर नहीं दी गई है।
RG Kar – Protest : धरना-प्रदर्शन के लिए कोलकाता में काफी है धर्मतल्ला का क्षेत्र
धर्मतल्ला न केवल कोलकाता बल्कि पूरे राज्य के लिए परिवाहन का मुख्यालय एवं संपर्क मुख्यालय के तौर पर अंग्रेजों के जमाने से ही रहा है। यहीं से कोलकाता के सुदूर हिस्सों एवं राज्य के विभिन्न इलाकों के लिए दिन-रात बस सेवाएं संचालित होती हैं।
तमाम प्रमुख बाजार और सरकारी दफ्तर भी इसी के ईर्द-गिर्द होने से यहां ट्रैफिक को सुचारू रखना पुलिस की प्राथमिकता में होती है लेकिन इसी स्थान को महत्ता को भांपते हुए हर राजनीतिक दल अपनी सभी अहम सभाएं एवं प्रदर्शन भी यहीं करते हैं।
खुद ममता बनर्जी भी मुख्यमंत्री बनने से पहले धर्मतल्ला के मेयो रोड की जनसभा में तृणमूल कांग्रेस की स्थापना की थी और विक्टोरिया हाउस वाले जंक्शन पर उनकी ऐतिहासिक सभाएं हमेशा नए रिकार्ड बनाती रही हैं।
ऐसे में अब दुर्गापूजा के दौरान RG Kar के मसले पर नाराज डॉक्टरों ने धरने के लिए यही स्थान चुना तो पुलिस के माथे पर बल पड़ना स्वाभाविक था।
इसी धर्मतल्ला के पास ही राजभवन, हाईकोर्ट, आकाशवाणी, ईडन गार्डंस, नेताजी इंडोर स्टेडियम, चांदनी चौक, शहीद मीनार (मेट्रोपोलिटन सिटी सबसे पुराना व महत्वपूर्ण पब्लिक ट्रांसपोर्ट टर्मिनस) आदि है।
यहीं से डायमंड हार्बर, उत्तर बंगाल समेत अंतरराज्जीय के अलावा सभी प्रमुख लोकल रूटों की बस सेवाएं संचालित होती हैं। बंगीय सियासी हलके में कहा जाता है कि यहां यानी धर्मतल्ला इलाके में होने वाला हर घटनाक्रम तत्काल मीडिया की सुर्खियों में अपने अहमियत के लिहाज से सुर्खियों में स्थान बना ही लेता है।
RG Kar – Protest : कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों में नए सिरे से भड़की नाराजगी की वजह भी जान लें…
बीते शुक्रवार को रेसकोर्स और विक्टोरिया मेमोरियल के दक्षिणी क्षोर पर स्थिति सेठ सुखलाल करनानी मेमोरियल पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कॉलेज (एसएसकेएम) में जूनियर डॉक्टर्स एक रैली निकाल रहे थे।
तभी वहां पुलिस ने डॉक्टरों पर लाठीचार्ज किया जिससे डॉक्टर भड़क गए और बीते शुक्रवार की रात करीब साढ़े 8 बजे ही उन्होंने पूरी तरह से काम रोकने की हड़ताल वापस लेने का फैसला लिया।
साथ ही जूनियर डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ ममता बनर्जी सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया कि या तो सरकार उनकी मांगें मान ले या फिर वह आमरण अनशन शुरू कर देंगे। डॉक्टरों ने धर्मतल्ला में अपने धरनास्थल पर एक बड़ी सी घड़ी भी लगाई है ताकि समय की पाबंदी पर ध्यान रखा जा सके।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि शुक्रवार को पुलिस द्वारा किए लाठीचार्ज और गालीगलौज के लिए पुलिस और सरकार उनसे माफी मांगें।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने सरकार से जो मांगे की हैं, उनमें राज्य के स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को तत्काल पद से हटाने, स्वास्थ्य विभाग में कथित प्रशासनिक अक्षमता और भ्रष्टाचार को लेकर जवाबदेही, राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए एक केंद्रीयकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना, ऑन कॉल रूम और वॉशरूम के लिए जरूरी प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए टास्क फोर्स गठित करने आदि शामिल हैं।