ऋषि सुनक का ब्रिटेन का पीएम बनना लगभग तय, दूसरे फेज में दर्ज की धमाकेदार जीत

लंदन : ऋषि सुनक का ब्रिटेन के पीएम बनना लगभग तय हो गया है.

वे प्रधानमंत्री की कुर्सी के एक कदम और करीब पहुंच गए हैं.

उन्होंने कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के चुनाव के लिए आयोजित दूसरे दौर की वोटिंग में धमाकेदार जीत दर्ज की है.

दूसरे दौर में ऋषि सुनक को 101 वोट मिले, जबकि पेनी मोर्डंट 83 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहीं.

विदेश मंत्री लिज ट्रूस 64 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थीं.

पहले चरण की वोटिंग में पूर्व कैबिनेट मंत्री केमी बडेनोच को 49, बैकबेंचर टॉम तुगेंदत को 32 वोट मिले हैं.

पहले राउंड की वोटिंग के दौरान भी ऋषि सुनक 88 वोटों के साथ पहले स्थान पर काबिज रहे थे.

दूसरे राउंड की वोटिंग के बाद क्या होगा?

दूसरे दौर की वोटिंग के बाद शीर्ष पर काबिज सिर्फ दो उम्मीदवार ही अगले राउंड में जाएंगे.

इसके बाद ही कंजर्वेटिव पार्टी के नेता का ऐलान होगा.

इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद पार्टी के नेता को ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलवाई जाएगी.

तब तक बोरिस जॉनसन कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे.

नए प्रधानमंत्री 5 सितंबर को अपना पद ग्रहण करेंगे और

संसद में 7 सितंबर को विपक्ष के सवालों का सामना करेंगे.

विंचेस्टर कॉलेज से की राजनीति विज्ञान की पढ़ाई

ब्रिटेन में जन्मे ऋषि ने विंचेस्टर कॉलेज से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की. इसके बाद उनका दाखिला ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुआ, जहां उन्होंने फिलोसॉफी और इकॉनोमिक्स की पढ़ाई की. वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में फुलब्राइट स्कॉलर थे, जहां से उन्होंने एमबीए किया था. ऋषि सुनक ने ग्रैजुएशन के बाद गोल्डमैन सैक्स के साथ काम किया था और बाद में हेज फंड फर्म्स में पार्टनर बन गए थे. राजनीति में प्रवेश करने से उन्होंने एक अरब पाउंड की ग्लोबल इन्वेस्टमेंट कंपनी की स्थापना की थी. यह कंपनी ब्रिटेन के छोटे कारोबारों में निवेश में मददगार थी.

नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई शादी

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एमबीए के दौरान ही उनकी मुलाकात इंफोसिस के सह संस्थापक और दिग्गज कारोबारी नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई, जिनसे बाद में उन्होंने शादी कर ली. उनकी दो बेटी कृष्णा और अनुष्का हैं.

राजनीति का सफर कैसे शरू हुआ

यॉर्कशर के रिचमंड से सांसद ऋषि सुनक 2015 में पहली बार संसद पहुंचे थे. उस समय ब्रेग्जिट का समर्थन करने के चलते पार्टी में उनका कद लगातार बढ़ता चला गया. ब्रिटेन की तत्कालीन प्रधानमंत्री टेरीजा मे की कैबिनेट में ऋषि ने जूनियर मिनिस्टर के तौर पर काम किया. उन्हें हमेशा से कंजरवेटिव पार्टी के एक उभरते सितारे के रूप में देखा गया. पार्टी के कई बड़े नेता गाहे-बगाहे उनकी प्रशंसा भी करते रहे हैं.

क्रिकेट, फुटबॉल और फिल्में देखने का शौक

ऋषि सुनक फिटनेस को लेकर जुनूनी हैं. उन्हें क्रिकेट, फुटबॉल के अलावा फिल्में देखने का भी शौक हैं. उनके आकर्षक व्यक्तित्व को देखकर उन्हें डिशी ऋषि के निक नेम से भी बुलाया जाता है.

कोरोना काल में ब्रिटेन को आर्थिक तंगी से उबारा

बोरिस जॉनसन सरकार में ऋषि सुनक ज्यादातर प्रेस ब्रीफिंग में सरकार के चेहरे के तौर पर नजर आते थे. उन्होंने कोरोना काल के दौरान ब्रिटेन को आर्थिक तंगी से उबारने में एडी चोटी का जोर लगा दिया था. कोरोना के दौर में उनकी नीतियों ने ब्रिटेन में लोगों की मजदूरी नहीं घटने दी, जिसके चलते उनकी लोकप्रियता में इजाफा हुआ.

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