डिजीटल डेस्क : Sam Statement Boost BJP to Attack – काली-गोरी चमड़ी और नैन-नक्श पर दिए गए कांग्रेस के ओवरसीज प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के एक बयान ने नया सियासी तूफान पैदा कर दिया है। कांग्रेस नेता के इस बयान को भाजपा नार्थ ईस्ट और दक्षिण भारत में बड़ा मुद्दा बनाने में तत्काल जुट गई है। बुधवार को इसका आगाज खुद PM Modi ने किया। PM Modi ने तेलंगाना में करीमनगर के बाद वारंगल में जनसभा को संबोधित करते हुए नेता सैम पित्रोदा के भारतीयों की चीनी-अफ्रीकियों से तुलना करने को लेकर राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। PM Modi ने कहा, ‘आज मैं बहुत गुस्से में हूं। चमड़ी के रंग के आधार पर देशवासियों को गाली दे रहे हैं। चमड़ी को लेकर देश अपमान सहन नहीं करेगा। शहजादे को इसका जवाब देना होगा।’

PM Modi ने सैम के बयान पर भाजपा को चुनाव मुद्दा बनाने का दिया संकेत
PM Modi का शहजादे कहने का आशय कांग्रेस नेता राहुल गांधी से ही था। बता दें कि सैम पित्रोदा ने भारत की विविधता पर बात करते हुए कहा था कि भारत में पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं तो दक्षिण में लोग अफ्रीकी लगते हैं। वहीं पश्चिम में लोग अरबी लगते हैं और उत्तर भारतीय गोरे होते हैं। इससे पहले सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स को लेकर टिप्पणी की थी, पित्रोदा के उस बयान पर भी खूब विवाद हुआ था। PM Modi ने वारंगल की जनसभा में इस मुद्दे को उठाकर संकेत दे दिया है कि नार्थ ईस्ट और दक्षिण भारत में भाजपा इसे चुनावी मुद्दा बनाएगी। यदि भाजपा इसे मुद्दा बनाने में सफल रही, तो अगले चरण में आंध्र प्रदेश (25 लोकसभा सीटें) और तेलंगाना (17 लोकसभा सीटें) में उसे इसका लाभ मिल सकता है। कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने कहा है कि ‘दक्षिण भारत के लोग काले रंग के होते हैं और दक्षिण अफ्रीका के लोगों के जैसे दिखते हैं’। भाजपा आंध्र प्रदेश में टीडीपी और जनसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। तेलंगाना की 17 लोकसभा सीटों में भाजपा इस बार अपने लिए ज्यादा संभावनाएं देख रही है।

PM Modi का कांग्रेस पर करारा हमला, काली-गोरी चमड़ी के मुद्दे पर घेरा
PM Modi ने वारंगल की रैली में कहा कि जब भाजपा ने आदिवासी समाज से आने वाली द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाने का निर्णय लिया था तो कांग्रेस ने उनकी उम्मीदवारी का विरोध किया था। अब समझ आता है कि कांग्रेस के लोगों ने काली रंग की त्वचा को देखकर उनका विरोध किया था। उन्होंने कहा कि संभवतया कांग्रेस के लोगों ने उन्हें (द्रौपदी मुर्मू को) भी अफ्रीका का मान लिया था।
यह विवाद आदिवासी समुदाय की बहुलता वाले आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में संवेदनशील हो सकता है। काली रंग की त्वचा पर टिप्पणी इस इलाके में नया विवाद पैदा कर सकती है। सैम पित्रोदा का बयान दक्षिण भारतीय लोगों को त्वचा के रंग के आधार पर देश के दूसरे लोगों से अलग करके दिखाने की कोशिश है।
उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के लोग इसे कतई स्वीकार नहीं करेंगे। दक्षिण भारत के लोगों के बीच नस्लीय विवाद कभी नहीं रहा है। लेकिन द्रविड़ियन राजनीति के प्रभाव के कारण दक्षिण भारत के लोगों के बीच हिंदी भाषा और काली रंग के त्वचा पर आम जनता की भावनाएं संवेदनशील हो गई।
भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने आजादी के काल में ही धर्म के आधार पर देश को बांट दिया। आज जातिगत आधार पर आरक्षण की बात करके राहुल गांधी हिंदू समुदाय को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से सैम पित्रोदा ने बयान दिया है, उससे यह साफ हो जाता है कि अब वह लोगों को त्वचा के रंग के आधार पर भी अलग-अलग पहचान देने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यह देश की एकता के लिए खतरनाक हो सकता है।

कांग्रेस ने सैम के बयान से किया किनारा
मामले की नजाकत को भांपते हुए कांग्रेस ने इस बयान से दूरी बरतने में ही अपनी भलाई समझी है। कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज जयराम रमेश ने इस विवाद के सामने आते ही तुरंत एक बयान जारी करते हुए इसे पित्रोदा की व्यक्तिगत राय बताते हुए इससे दूरी बरती लेकिन भाजपा इसे लपकते हुए कांग्रेस पर तत्काल हमला बोलना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि सैम पित्रोदा का बयान सकारात्मक अर्थों में दिया गया है, लेकिन चुनावी समय में इसकी व्याख्या अलग तरह से की जा रही है। सैम पित्रोदा का बयान सकारात्मक नजरिए से दिया गया है। उन्होंने अपने एक बयान में कहा है कि भारत बहुत बड़ा और विविधता भरा देश है। यहां पूर्वोत्तर के लोग चीन के लोगों के जैसे दिखते हैं, पश्चिमी सीमा पर रह रहे लोग अफगानी मूल के लोगों के जैसे और दक्षिण भारत के लोग काले रंग की त्वचा के कारण दक्षिण अफ्रीकी लोगों के जैसे दिखते हैं। इस विविधता के बाद भी पूरा भारतीय समाज एकजुट होकर एक साथ रहता है और यही भारत की असली ताकत है।