रांची: मुझे क्या पता था कि देवघर में मेरे बालाजी के इतने पागल है.पता होता ताे बहुत पहले ही आ जाते.मुझे झारखंड आने से रोका गया.
रोकने वाले कान खोलकर सुल लो ठठरी बंधेगी,हम पीछा नहीं छोड़ेंगे.महादेव का बुलाबा आया तो मैं दोड़ा चला आया. अब आ गया हूं तो जाने वाला नहीं हूं, उक्त बातें देवघर कॉलेज मैदान में आयोजित संत सम्मेलन के आध्यात्मिक प्रवचन के दौरान बागेश्वनाथधाम सरकार बावा धीरेंद्र शास्त्री ने कही.
उन्हों ने कहा गया कि लोग कहते थे वहां मत जाओ वहां की सरकार परमिशन नहीं देती है.हमने कहा था कोई ऐसा बागेश्वरधाम का पागल आयेगा हमें बुलायेगा और झारखंड में भी सनातन का झंडा लहरायेगा.
हम किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं हैं, हम खाली उल्लाह वालों के खिलाफ हैं, जो सनातन धर्म और हिंदुत्व का विरोध करेगा, उसके खिलाफ हैं.क्योंकि ऐसा कोई गली नहीं जहां बजरंगबली की चली नहीं.
उन्होंने कहा कि अब झारखंड आ गये हैं तो झारखंड में भी सनातन हिंदुत्व का परचम लहरायेगा. सात दिनों की कथा सुनायेंगे, दरबार भी लगायेंगे बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि झारखंड के लोगों का इतना प्यार मिला, इतने पागल मेरे हैं, कि अब मैं निशिकांत जी से कहूंगा आप इसी मैदान में सात दिनों की कथा की तैयारी करिये. हम कथा भी कहेंगे.