Saudi Arabia Bus Accident: मक्का से मदीना जा रही बस मे आज (17 नवंबर) आग लग गई. बताया जा रहा है कि यह घटना डीजल टैंकर गाड़ी से टकराने से हुई है. इस दर्दनाक हादसे में 42 भारतीय उमरा तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो गई. केवल एक व्यक्ति इस घटना में जिंदा बचा है. वहीं अब खबर यह सामने आ रही है कि सऊदी अरब की सरकार हादसे के शिकार हुए भारतीय तीर्थयात्रियों की मृत शरीर को भारत में वापस नहीं करेगा. जी हां आपने सही पढ़ा, इसके पीछे की वजह सऊदी अरब के द्वारा हज और उमरा को लेकर बनाए गए नियम हैं. तो चलिए जानते हैं क्या है यह नियम.
Saudi Arabia Bus Accident: सऊदी अरब की सरकार ने बनाए हैं कड़े नियम
आपकी जानकारी के लिए बता दें, सऊदी अरब के द्वारा हज और उमरा को लेकर बनाए गए नियम के तहत कोई भी यात्री की यात्रा के दौरान मृत्यु हो जाती है. तो सऊदी अरब की सरकार उसके मृत शरीर को उसके देश वापस नहीं करेगी. यह नियम सऊदी में कई वर्षों से लागू है. हर यात्री को यात्रा से पहले इस बात की जानकारी दी जाती है. हज कानून का मानना है कि हज और उमरा एक धार्मिक यात्रा है. यदि इस यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की घटना घटती है तो, यात्री को सरकारी सुविधा (मुआवजा) नहीं दी जाएगी. यदि किसी ने भारत या जिस भी देख से वह आए हैं वहां किसी प्रकार की पॉलिसी करवाई है और वह पॉलिसी ऐसे मामलों को कवर करती हो तो उसके आधार पर सहायता मिल सकती है. लेकिन यह प्रक्रिया सऊदी प्रशासन से नहीं है. यह यात्री के देश और बीमा कंपनी के माध्यम से होती है.
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Saudi Arabia Bus Accident: हज यात्रा से पहले साइन करवाई जाती है डिक्लेरेशन फॉर्म
बता दें, हज और उमरा में जा रहे यात्रियों को यात्रा से पहले ही आधिकारिक डिक्लेरेशन फॉर्म पर साइन करना पड़ता है. इस फॉर्म में सब साफ साफ लिखा होता है कि यदि यात्रा के दौरान किसी यात्री की मौत हो जाती है तो, सऊदी सरकार उसके परिवार वालों को किसी भी प्रकार की मुआवजा प्रदान नहीं करेगी. साथ ही मृतक का अंतिम संस्कार भी सऊदी अरब में ही कारवाई जाएगी. यदि परिवार घटना के बाद इस डिक्लेरेशन फॉर्म पर आपत्ति भी जताए तो भी शव कानूनी रूप से वापस नहीं भेजा जाएगा.
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