Sawan 2022 : सावन का महीना वैसे तो हर किसी को भाता है, लेकिन सुहागनों के लिए
इसका खास अपना एक महत्व है. यह पूरा महीना भगवान शिव की भक्ति, पूजा एवं अर्चना का है.
कुंवारी लड़कियां सावन के महीने में सोमवार का व्रत करके मनचाहे वर की कामना करती है,
तो वहीं सुहागन औरतें सोलह श्रंगार करती है. खासकर हरी-हरी चूड़ियां पहनती हैं.
वैसे क्या कभी आपने इस बात पर गौर किया है कि सावन में विशेषकर
हरी चूड़ियां ही क्यों पसंद की जाती है. क्या इसके पीछे भी किसी तरह की कोई लोजिक है.
चलिए हम बताते हैं कि सावन में हरी चूड़ियां पहनने का क्या राज़ है.

खुशहाली का प्रतीक है हरा रंग
ज्योतिष शास्त्रों की माने तो हरे रंग का सीधा संबंध बुध ग्रह से है. यह रंग व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत करते हुए संतान सुख देने में सहायक होता है. हरा रंग खुशहाली का प्रतीक भी है. बुध ग्रह कारोबार एवं करियर पर भी अपना प्रभाव डालता है, इसलिए यह रंग कार्यक्षेत्र में आगे बंढ़ने में सहायक है.
महादेव को हरियाली पसंद है
भगवान शिव को प्रकृति से अथाह प्रेम है जग-जाहिर है कि महादेव ने कभी स्वर्ण हीरे मोती या आभूषणों को महत्व नहीं दिया. महादेव को हरियाली पसंद है, क्योंकि देवी पार्वती स्वयं साक्षात प्रकृति की स्वरूप हैं. हरे रंग की चूड़ियों से इसलिए सुहागन जीवन में खुशहाली आती है.
क्या कहता है साइंस
हरे रंग का महत्व मनोविज्ञान में भी है. सांइस कहती है कि हरा रंग मन एवं आंखों को सुख पहुंचाता है. हताश एवं निराश व्यक्ति को इसलिए डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि सुबह-सुबह हरे- भरे मैदान की सैर करें.
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