पटना : बिहार में कोरोना पाबंदियां हटने के बाद स्कूलों में रौनक लौटने लगी है. सुबह से ही छात्र स्कूलों में पहुंचने लगे. स्कूल खुलने से जहां बच्चे काफी उत्साहित हैं, वहीं उनके माता-पिता भी राहत की सांस ले रहे हैं. पैरेंट्स का कहना है कि लंबे समय तक घर में रहने की वजह से न सिर्फ बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है. बल्कि उनके व्यक्तित्व के विकास पर भी असर पड़ा है. बिहार में कोरोना पाबंदियां हटने के बाद भक्त और भगवान के बीच की दूरी भी कम हो गई है. पटना के हनुमान मंदिर में बी सुबह से ही घंटियों की आवाज़ सुनाई देने लगी और भक्तों के आने का सिलसिला शुरब हो गया. हालांकि इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पबरा ध्यान रखा जा रहा है.
लंबे अंतराल के बाद सरकार ने स्कूल खोलने का निर्णय रविवार की बैठक में लिया. शिक्षण संस्थानों को खोलने का आदेश के साथ ही गाइडलाइन भी जारी कर दी है. आज से प्रारंभिक कक्षा से लेकर माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय समेत सभी शिक्षण संस्थान खुल गये हैं.
दरअसल क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ने स्कूल समेत अन्य शिक्षण संस्थानों को सशर्त खोलने की इजाजत दे दी है. गाइडलाइन के मुताबिक पहली से आठवीं कक्षा तक 50 प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति के साथ विद्यालय संचालित किए जाएंगे जबकि शेष 50 प्रतिशत छात्र दूसरे दिन कक्षा में आएंगे. यानी रोटेशन के अंतर्गत व्यवस्था चलनी है.
मध्यान्ह भोजन योजना रहेगा बंद
पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन योजना का संचालन फिलहाल बंद ही रहेगा. कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय और अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति आवासीय विद्यालयों और कर्पूरी छात्रावासों का संचालन कोरोना गाइडलाइन के तहत किया जाना है. नियुक्ति के अलावा सभी तरह के व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश और चयन के लिए परीक्षा का संचालन भी प्रोटोकॉल के अंतर्गत ही होगा.
लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि अधिक नामांकन वाले शिक्षण संस्थान दो पालियों में संचालित किए जाएंगे. नौवीं से ऊपर के विद्यालय और अन्य शिक्षण संस्थान 100 प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति के साथ संचालित होंगे. सभी शिक्षण संस्थानों में कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से अनुपालन करना होगा. शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी. विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों, जिलाधिकारियों और कुलपतियों से गाइडलाइन का पालन करने का आदेश दिया है.
अपर मुख्य सचिव ने दी जानकारी
अपर मुख्य सचिव ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षण संस्थान यह सुनिश्चित कर लेंगे कि प्रत्येक कक्षा में 6 फीट की दूरी पर छात्र और छात्राओं को बैठने की व्यवस्था हो. विद्यालय परिसर में प्रवेश के वक्त विद्यार्थियों शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. कक्षाओं के संचालन के समय भी यही व्यवस्था अनिवार्य तौर पर लागू रहेगी. स्कूल के भीतरी परिसर के अंदर वेंडर को प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाएगी.
अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने दिया ये निर्देश
अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने इस बात की जानकारी दी है कि शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई से पहले पूरे परिसर को सेनीटाइज कराना अनिवार्य किया गया है. कक्षाओं में भी सेनेटाइजर की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी है. स्कूल बसों को भी हर दिन से सेनिटाइज करने के लिए निर्देश दे दिया गया है. जिन विद्यालयों में 15 से 18 साल तक के छात्रों को अब तक टीका नहीं लगाया गया है उन्हें भी टीका लगवाना अनिवार्य किया गया है. शिक्षण संस्थानों में थर्मल स्क्रीनिंग के अलावा दूसरी चीजों की व्यवस्था मुकम्मल करने का निर्देश दिया गया है.
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