Desk. व्हाट्सएप ग्रुप से गणेश चतुर्थी का पोस्ट हटाना एक स्कूल प्रिंसिपल को महंगा पड़ गया। उन्हें मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। मामला राजस्थान के कोटा जिला के एक सरकारी स्कूल का है। बताया जा रहा है कि आरोपी ने स्कूल समिति के व्हाट्सएप ग्रुप से गणेश चतुर्थी पर दिये बधाई संदेश को हटाया था।
मामले से परिचित अधिकारियों ने कहा कि कोटा में अल्पसंख्यक समुदाय के एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल को स्कूल समिति के एक सोशल मीडिया समूह से गणेश चतुर्थी उत्सव पर कुछ पोस्ट हटाने के आरोप में शुक्रवार रात को गिरफ्तार किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपी प्रिंसिपल अल्पसंख्यक समुदाय से हैं। उन्होंने ब्लॉक स्कूल डेवलपमेंट कमेटी के एक व्हाट्सएप ग्रुप पर दो पोस्ट डिलीट कर दिया, जिससे हिंदू समुदाय के कुछ शिक्षकों सहित अन्य सदस्य नाराज हो गए। उन्होंने स्कूल के सामने धरना दे दिया। इसके बाद सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के प्रयास के लिए प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया गया है।
व्हाट्सएप ग्रुप से गणेश चतुर्थी का पोस्ट हटाने पर स्कूल प्रिंसिपल पर कार्रवाई
जानकारी के अनुसार, कई स्कूलों में एक विकास समिति होती है, जिसमें प्रिंसिपल, स्कूल शिक्षक, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, कुछ अभिभावक और अन्य अधिकारी शामिल होते हैं। समिति कभी-कभी आवश्यक निर्णयों पर चर्चा करने के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाता है। शुक्रवार सुबह उस ग्रुप में गणेश चतुर्थी के मौके पर सदस्य एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हुए पोस्ट शेयर कर रहे थे।
इस दौरान प्रिंसिपल मुहम्मद शफीक ने एक पोस्ट हटा दिया, जिसे सदस्यों ने नजरअंदाज कर दिया। लगभग दो घंटे बाद एक और पोस्ट हटा दिया गया। इससे सदस्य क्रोधित हो गए और प्रिंसिपल के खिलाफ विरोध करना शुरू कर दिया तनाव तब और बढ़ गया जब बड़ी संख्या में ग्रामीण और स्थानीय हिंदू संगठनों के कुछ लोग स्कूल के सामने पहुंच गए और शिक्षक के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे।
पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया। इस दौरान कुछ व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों और अन्य ग्रामीणों ने प्रिंसिपल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई। मामला बीएनएस की धारा 196 (सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना) के तहत दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।