सदन में गंभीर मुद्दों पर चर्चा नहीं हो, इसलिए जानबूझ कर हंगामें की भेंट चढ़ाया गया

रांचीः कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि झारखण्ड विधानसभा का मौजूदा मानसून सत्र झारखण्ड के लोकतांत्रिक इतिहास में काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। जिस प्रकार का आचरण भाजपा विधायकों का रहा, उसने पूरे देश में झारखण्ड को शर्मसार किया।

मौजूदा मानसून सत्र को झारखण्ड के लोकतांत्रिक इतिहास में काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा

राजेश ठाकुर ने कहा कि भाजपा के अराजक आचरण के कारण पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण और बेरोजगारी नियोजन जैसे अहम मुद्दों पर खुलकर चर्चा नहीं सकी। सदन में इन गंभीर सवालों पर चर्चा नहीं हो, इसीलिए सदन को हंगामें की भेंट चढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा गया। इसी से भाजपा की कथनी और करनी का अन्तर पता लगता है।

भाजपा सत्ता से बाहर होने के बाद इतनी बेचैन हो गयी है कि लगातार स्थापित परंपराओं को भी मानने के लिए तैयार नहीं है,  यहाँ तक कि सत्र के प्रथम दिन दिवंगतों के लिए सदन में पढ़े जानेवाले शोकप्रकाश के दौरान भी अमर्यादित आचरण का प्रदर्शन करते रहे।

जब से झारखण्ड की जनता ने भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाया है, भाजपा बेचैन है।

कोरोना काल में महागठबंधन सरकार के किये कार्यों को पूरे देश और दुनियां में ने सराहा गया, लेकिन यह इन्हें दिखाई नहीं दे रहा है। बेवजह के मुद्दों को उठाकर जनता को दिग्भ्रमित करने के सिवा इनके पास कोई कार्य ही नहीं बचा है।

राजेश ठाकुर ने कहा कि सदन राज्य की सर्वोच्च पंचायत होती है, जहां राज्य को समृद्धि प्रदान करने की दिशा में पक्ष और विपक्ष साथ मिलकर सकारात्मक चर्चा करते हैं, जिससे राज्य के विकास को गति मिलती है।

इस सत्र में भाजपा के विधायकों ने अगर कुछ किया है तो सिर्फ अपने अभिनय और नाट्यकला का प्रदर्शन।

भाजपा के विधायकों ने अगर कुछ किया है तो सिर्फ अपने अभिनय और नाट्यकला का प्रदर्शन

मुद्दाविहीन, नेतृत्व विहीन विपक्ष के पास बढ़ती महंगाई, केंद्र के गलत निर्णयों के कारण घटते रोजगार, कोरोना काल में केंद्र के असहयोगात्मक रवैये, झारखण्ड के खनिजों के लाखों करोड़ का केंद्र के पास बकाया को कैसे प्राप्त किया जाय, किसानों के सवाल पर, पेट्रोल डीजल एवं गैस के मूल्यवृद्धि पर चर्चा करने का समय नहीं था। राजेश ठाकुर ने कहा कि विरोध लोकतंत्र की खूबसूरती होती है, यदि वह मुद्दों के आधार पर हो, न कि सिर्फ विरोध के नाम पर अराजकता फैलाना। चाहे सदन के भीतर हो या सड़कों पर, मानसून सत्र में झारखण्ड और देशवासियों ने भाजपा का जो दागदार छवि देखा है उसे भुलाना आसान नहीं होगा।

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