बोकारोः किसी भी महिला का उसके जीवन में सबसे सुखद क्षण होता है उसका मां बनना, लेकिन किसी महिला को अगर सड़क पर ही अपने बच्चे को जन्म देना पड़े तो इससे दुखद और शर्मनाक कुछ भी नहीं हो सकता है।
ऐसा ही एक मामला बोकारो से निकलकर सामने आ रही जहां गत 28 मार्च की रात को सड़क के किनारे झोपड़ी बनाकर रहने वाली परिवार की एक महिला को अस्पताल के बजाय सड़क पर ही अपने बच्चे को जन्म देना पड़ा।
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प्रसव के एवज में मांगे 20 हजार रुपए
घटना को लेकर भुक्तभोगी परिवार ने आरोप लगाते हुए बताया कि जब गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई तो वो अपने परिजनों के साथ बोकारो सदर अस्पताल पहुंची। जिसके बाद अस्पताल में अस्पतालकर्मियों ने प्रसव कराने के एवज में महिला से 20 हजार रुपये की मांग कर दी।
मजबूरन सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा
इधर महिला प्रसव पीड़ा से परेशान थी उधर अस्पतालकर्मी रुपये के इंतज़ार में थे। महिला के परिजनों के पास इतना पैसा नहीं था कि वे अस्पताल में दे पाते। लिहाजा महिला अस्पताल से निकल गई और डीसी कार्यालय के पास स्थित अमृत पार्क के समीप मजबूरन उसे सड़क पर ही अपने बच्चे को जन्म देना पड़ा।
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जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना सिटी पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर महिला को अस्पताल में भर्ती कराया। सरकार भले ही अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था के नारे बुलंद करती हो लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था की असली हकीकत अब आपके सामने है। सरकार के कथनी और करनी में कितना अंतर है इसका फैसला अब आपको करना है।
घटना के संबंद में जानकारी लेने के लिए बोकारो सिविल सर्जन दिलीप कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन खबर लिखे जाने तक उन्होंने फोन नहीं उठाया।