रांची: आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्र का पर्व आरंभ होने जा रहा है, जो इस बार 3 अक्टूबर (गुरुवार) से शुरू होकर 12 अक्टूबर (विजया दशमी) तक चलेगा। इस बार मां दुर्गा का आगमन डोली पर होगा, जिसे ज्योतिष शालिनी वैद्य ने शुभ फलकारी और पुण्यदायी बताया है।
ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, कलश स्थापना की तिथि 3 अक्टूबर को प्रातः 6:15 बजे से संध्या 3:17 बजे तक किसी भी समय की जा सकती है। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का आयोजन किया जाएगा। नवरात्र के 10 दिवसीय महोत्सव में चतुर्थी तिथि की वृद्धि हो गई है, जबकि नवमी तिथि क्षय है। इस कारण महाष्टमी और महानवमी के व्रत का मान 11 अक्टूबर (शुक्रवार) को होगा। पूजा पंडालों में संधि पूजा 11 अक्टूबर को प्रातः 6:28 से 7:16 बजे के बीच की जाएगी।
नवरात्र व्रत का पारण 12 अक्टूबर (शनिवार) को प्रातः काल किया जाएगा। रातू क्षेत्र में भी कलश स्थापना के साथ मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी। रातू किला, मां आनदमयी नगर दुर्गा मंदिर, झखराटांड़ वैष्णवी मंदिर, देवी मंदिर दुर्गा पूजा, महादेव टंगरा, पाली, पिर्रा, कटहल मोड, रवि स्टील, चटकपुर सहित 16 स्थानों पर पूजा का आयोजन किया जा रहा है। दुर्गा पूजा को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर पूरी तैयारी कर ली है। इस प्रकार, शारदीय नवरात्र का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाने का समय आ गया है, जिससे मां दुर्गा की कृपा सभी पर बनी रहे।