Bihar Jharkhand News | Live TV

शिया इस्माइली मुसलमानों के आध्यात्मिक नेता आगा खान का निधन

डिजिटल डेस्क : शिया इस्माइली मुसलमानों के आध्यात्मिक नेता आगा खान का निधन। आगा खान फाउंडेशन ने घोषणा की है कि शिया इस्माइली मुसलमानों के 49वें वंशानुगत इमाम का मंगलवार को निधन हो गया है। वे 88 साल के थे। आगा खान को इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद का प्रत्यक्ष वंशज माना जाता है। उनके निधन से दुनिया भर के शिया इस्माइली मुसलमानों में शोक फैल गया है।

20 साल की उम्र में दुनिया भर के लाखों शिया इस्माइली मुसलमानों के आध्यात्मिक नेता बन जाने वाले आगा खान का मंगलवार 4 फरवर को निधन हो गया। वे 88 साल के थे।

उन्होंने इस्माइली मुसलमानों का आध्यात्मिक नेतृत्व करने के साथ ही अरबों डॉलर की मदद से विकासशील देशों में घरों, अस्पतालों और स्कूलों का निर्माण जैसे लोककल्याणकारी कार्यों के साथ एक अलग पहचान भी बनाई।

पुर्तगाल में हुआ आगा खान का निधन…

आगा खान फाउंडेशन और इस्माइली धार्मिक समुदाय ने घोषणा की कि हिज हाईनेस प्रिंस करीब अल-हुसैनी, आगा खान चतुर्थ और शिया इस्माइली मुसलमानों के 49वें वंशानुगत इमाम का मंगलवार को पुर्तगाल में निधन हो गया। आगा खान ने परिवार के बीच आखिरी सांस ली।

इस्लामिक संस्कृति के मूल्यों के रक्षक के रूप में उन्हें मुस्लिम समाज और पश्चिम के बीच एक पुल के रूप में देखा जाता था। हालांकि, वे राजनीति में शामिल होने से कतराते थे। आगा खान इस्लामी कला और संस्कृति के मुखर समर्थक थे। उन्होंने वास्तुकला के लिए आगा खान पुरस्कार की स्थापना की और एमआईटी और हार्वर्ड में इस्लामी वास्तुकला कार्यक्रमों का समर्थन किया।

आगा खान फाउंडेशन ने कहा कि उनके उत्तराधिकारी की घोषणा बाद में की जाएगी। उनके उत्तराधिकारी का नाम उनकी वसीयत में है, जिसे सार्वजनिक किए जाने से पहले लिस्बन में उनके परिवार और धार्मिक नेताओं की उपस्थिति में पढ़ा जाएगा। इस्माइली समुदाय की वेबसाइट के अनुसार, उत्तराधिकारी को उनके पुरुष वंशजों या रिश्तेदारों में से चुना जाता है।

इस्माइली आध्यात्मिक नेता आगा खान की फाइल फोटो
इस्माइली आध्यात्मिक नेता आगा खान की फाइल फोटो

लोक कल्याण के लिए समर्पित किया था आगा खान ने अपना जीवन

आगा खान चतुर्थ ने अपना सारा जीवन लोक कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने आगा खान विकास नेटवर्क (AKDN) की स्थापना की, जो आज 96000 लोगों को रोजगार देता है और स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, आवास और आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करता है।

उनके प्रयास कई देशों में फैला, जिनमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और ताजिकिस्तान से लेकर कई देश शामिल हैं। उन्होंने स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं और स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में निवेश किया। इस्माइली समुदाय मूल रूप से भारत मे केंद्रित था, लेकिन पूर्वी अफ्रीका, मध्य और दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व में एक बड़े समुदाय के रूप में फैल गया।

नहीं रहे इस्माइली आध्यात्मिक नेता आगा खान
नहीं रहे इस्माइली आध्यात्मिक नेता आगा खान

इस्माइली मुसलमान आगा खान को अपना नेता मानते हैं और उन्हें अपनी आय का 12.5 प्रतिशत हिस्सा देना अपना फर्ज समझते हैं। वैनिटी फेयर से उन्होंने कहा था, ‘हमारे पास धन इकठ्ठा करने की कोई धारणा नहीं है।

इस्लामी नैतिकता यह है कि अगर ईश्वर ने आपको समाज में एक विशेषाधिकार प्राप्त व्यक्ति होने की क्षमता या सौभाग्य दिया है, तो समाज के प्रति आपकी नैतिक जिम्मेदारी है।’ हालांकि, उनके वित्तीय साम्राज्य की सीमा को मापना मुश्किल है। कुछ रिपोर्टों में उनकी निजी संपत्ति अरबों में होने का अनुमान लगाया गया है।

नहीं रहे इस्माइली आध्यात्मिक नेता आगा खान
नहीं रहे इस्माइली आध्यात्मिक नेता आगा खान

शिया इस्माइली मुसलमानों के आध्यात्मिक नेता बनते समय हार्वर्ड ग्रेजुएट थे आगा खान

आगा खान के परिवार को इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद का प्रत्यक्ष वंशज माना जाता है। प्रिंस करीम आगा खान उस समय 20 साल के थे, जब उनके दादा ने अप्रत्याशित रूप से 1957 में अपने बेटे अली खान को दरकिनार करते हुए उन्हें उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया।

उन्हें नामित करते हुए कहा गया कि नेतृत्व एक ऐसे युवा व्यक्ति को दिया जाना चाहिए, जो नए युग के बीच पला-बढ़ा हो।अपनी नियुक्ति के समय वे हार्वर्ड ग्रेजुएट थे। साल 2012 में वैनिटी फेयर मैगजीन को दिए इंटरव्यू मे उन्होंने कहा था- ‘मैं एक ग्रेजुएट था जो जानता था कि उसके जीवन के बाकी हिस्से में उसका काम क्या होने वाला है। मुझे नहीं लगता कि मेरी स्थिति में कोई भी तैयार होता।’

इस्लामिक संस्कृति के मूल्यों के रक्षक के रूप में उन्हें मुस्लिम समाज और पश्चिम के बीच एक पुल के रूप में देखा जाता था। हालांकि, वे राजनीति में शामिल होने से कतराते थे। आगा खान इस्लामी कला और संस्कृति के मुखर समर्थक थे। उन्होंने वास्तुकला के लिए आगा खान पुरस्कार की स्थापना की और एमआईटी और हार्वर्ड में इस्लामी वास्तुकला कार्यक्रमों का समर्थन किया।

Related Articles

Video thumbnail
सियासी दलों की मुफ्त रेवड़ियों पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर शुरू हुई सियासत
04:47
Video thumbnail
झारखंड की दिनभर की प्रमुख खबरें। Jharkhand News। Top News। (13-02-2025)
11:10
Video thumbnail
ग्रामीण अर्थव्यवस्था और झारखंड जैसे राज्यों के लिए बजट को अहम बताते प्रदीप वर्मा ने PM का जताया आभार
04:19
Video thumbnail
जैक बोर्ड ने जारी की सूचना, जानिये अब अगली किस तिथि को होंगी परीक्षा
04:50
Video thumbnail
JPSC चेयरमैन को लेकर सरकार के मौन से हताश निराश अभ्यर्थियों ने ये क्या किया
05:05
Video thumbnail
अदालत के आदेश पर सैकड़ों युवाओं की गयी नौकरी, बीती उम्र, अब जायें तो जायें कहां
20:30
Video thumbnail
राष्ट्रपति के दौरे को लेकर भारी वाहनों का प्रवेश बंद, कैसे किस रुट पर क्या है प्लान, जानिये
03:48
Video thumbnail
अमित यादव पर बंगाली समुदाय पर आपत्तिजनक बयान देने का आरोप, वि.अध्यक्ष से बांग्ला भाषी ने की मुलाकात
03:24
Video thumbnail
BJP ने हेमंत सरकार पर साधा निशाना, एकलव्य प्रशिक्षण योजन को लेकर तंज कसते हुए कहा...
04:12
Video thumbnail
महाकुंभ के लिए प्रेमी के साथ निकली गुमला की बेटी के साथ ऐसा क्या किया की प्रेमी को जाना पड़ गया जेल!
04:09
Stay Connected
120,000FansLike
8,200FollowersFollow
497FollowersFollow
400,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -