द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी शिवसेना, उद्धव ठाकरे ने किया एलान

मुंबई : शिवसेना (Shiv Sena) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने राष्ट्रपति पद की

एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अपनी पार्टी के समर्थन की घोषणा की है.

आदिवासी समुदाय से आने वाली मुर्मू के लिए समर्थन बढ़ता जा रहा है,

वहीं यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को उम्मीदवार बनाने वाले विपक्ष में नये सिरे से विभाजन नजर आ रहा है.

उद्धव ठाकरे ने मुंबई में यह घोषणा करके विपक्षी खेमे को झटका दे दिया.

इसके साथ ही 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू को

समर्थन देने वाले दलों की वोट हिस्सेदारी 60 प्रतिशत के पार पहुंच गयी है.

उद्धव ठाकरे ने किया द्रौपदी मुर्मू का समर्थन

शिवसेना एक तरह से दो हिस्सों में बंटी हुई है. एक की अगुवाई उद्धव ठाकरे कर रहे हैं,

जो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. तो दूसरा खेमा मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला है.

एकनाथ शिंदे गुट पहले ही मुर्मू को समर्थन की घोषणा कर चुका है.

उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना बिना किसी दबाव के मुर्मू के लिए समर्थन की घोषणा कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपना रुख स्पष्ट कर रहा हूं. मेरी पार्टी के आदिवासी नेताओं ने मुझसे कहा कि यह पहली बार है कि किसी आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनने का मौका मिल रहा है. उनके विचारों का सम्मान करते हुए हमने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का निर्णय किया है.’’

शिवसेना का फैसला समझ से परे: कांग्रेस

उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘दरअसल, वर्तमान राजनीतिक माहौल को देखते हुए, मुझे उनका समर्थन नहीं करना चाहिए था क्योंकि वह बीजेपी की उम्मीदवार हैं, लेकिन हम संकीर्ण मानसिकता वाले नहीं हैं.’’ महा विकास आघाड़ी सरकार में ठाकरे की सहयोगी कांग्रेस ने कहा कि शिवसेना का फैसला समझ से परे है.

महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट ने एक बयान में कहा ‘‘शिवसेना महाविकास आघाड़ी का हिस्सा है, लेकिन उसने हमारे साथ इस फैसले पर चर्चा नहीं की है. यह समझ से परे है कि पार्टी मुर्मू का समर्थन क्यों कर रही है जबकि उसकी सरकार को अलोकतांत्रिक तरीके से गिराया गया.’’

द्रौपदी मुर्मू की दावेदारी हुई मजबूत

बीजेडी, वाईएसआर-कांग्रेस, बसपा, अन्नाद्रमुक, तेदेपा, जदएस, शिरोमणि अकाली दल और अब शिवसेना जैसे कुछ क्षेत्रीय दलों का समर्थन मिलने के बाद, एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के मतों की हिस्सेदारी पहले ही 60 प्रतिशत के पार हो चुकी है. उनके नामांकन के समय यह लगभग 50 प्रतिशत थी. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) जैसे बड़े गैर-बीजेपीई दलों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार बनाया है. मुर्मू और सिन्हा ने जन प्रतिनिधियों का समर्थन हासिल करने के लिए मंगलवार को कुछ और राज्यों का दौरा किया.

द्रौपदी मुर्मू ने किया अमरावती का दौरा

मुर्मू ने आंध्र प्रदेश के अमरावती का दौरा किया और कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए उनकी उम्मीदवारी ‘सामाजिक न्याय और महिला सशक्तीकरण की अभिव्यक्ति’ है. वहीं चंडीगढ़ पहुंचे सिन्हा ने कहा कि देश को एक ‘मौन राष्ट्रपति’ की जरूरत नहीं है बल्कि ऐसे राष्ट्रपति की जरूरत है जो अपने नैतिक अधिकारों और विवेक का उपयोग करे.

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