Sikkim Assembly Election : सिक्किम में एसकेएम की सुनामी, 32 में से 31 सीटों पर जीत के साथ तमांग फिर सीएम

गंगटोक : Sikkim Assembly Electionसिक्किम में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के घोषित नतीजों में एसकेएम (सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा) की सुनामी देखने को मिली। उसने विधानसभा की 32 में से 31 सीटों पर जीत दर्ज कर मुकाबला पूरी तरह अपने पक्ष में कर लिया। इसी के साथ प्रेम सिंह तमांग फिर सीएम बनेंगे। उनके इस सुनामी में तमाम दिग्गज राजनीतिक पार्टियों हाशिए पर चली गईं और कई दिग्गजों को बुरी तरह हार का स्वाद चखना पड़ा।

एसकेएम को मिले 58.38 फीसदी वोट तो कांग्रेस को नोटा से भी कम 0.32 फीसदी मिले

सिक्किम विधानसभा चुनाव 2024 के रविवार को घोषित परिणाम में प्रेम सिंह तमांग की पार्टी एसकेएम (सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा) ने एकतरफा प्रदर्शन करते हुए कुल 32 में से 31 सीटों पर कब्जा कर लिया। एसडीएफ (सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट) के खाते में सिर्फ एक ही सीट गई है। इसके अलावा एसडीएफ के वोट शेयर में भी भारी गिरावट आई है। एसकेएम को 58.38 और एसडीएफ को 27.37 फीसदी वोट मिले। भाजपा को 5.18 और कांग्रेस को नोटा से भी कम 0.32 फीसदी मत मिले। नोटा को 0.99 फीसदी वोट मिले। सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट को सिर्फ एक सीट श्यारी विधानसभा पर जीत नसीब हुई है। यहां से एसडीएफ के तेनजिंग नोरबू लाम्था ने 1314 मतों से जीत दर्ज की है।

दिग्गज फुटबॉलर बाईचुंग भूटिया और पूर्व सीएम पवन कुमार चामलिंग भी हारे

भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया को बारफुंग विधानसभा सीट पर एसकेएम (सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा) के प्रत्याशी रिक्शल दोरजी भूटिया ने 4346 मतों के अंतर से हराया है। सिक्किम की नामचेयबुंग और पोकलोक-कामरंग विधानसभा सीटों से पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग चुना हार गए हैं। उन्हें नामचेयबुंग सीट पर 2256 और पोकलोक-कामरंग सीट पर 3063 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। सिक्किम के मुख्यमंत्री और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) सुप्रीमो पीएस तमांग ने सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के सोमनाथ पौडयाल को 7,044 मत से हराकर रविवार को रहेनोक विधानसभा सीट जीत ली। तमांग को 10,094 मत मिले, जबकि सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 3,050 मत मिले। सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के समदुप लेप्चा ने रविवार को अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के हिशे लाचुंगपा को 851 मतों से हराकर लाचेन मंगन विधानसभा सीट जीत ली। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के नेतृत्व में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) अभी सत्ता में है। एसकेएम का सीधा मुकाबला सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) से रहा। यहां भाजपा और कांग्रेस भी हैं लेकिन उनकी मौजूदगी नाममात्र की है।

रोचक रहा है सीएम तमांग का सियासी सफर, सियासी गुरु से की थी बगावत

सिक्किम के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के नेतृत्व वाली सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) ने प्रचंड बहुमत के साथ सुनामी वाली जीत इस समय सुर्खियों में है। सीएम तमांग ने खुद दो विधानसभा क्षेत्रों से जीत हासिल की है। कभी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के संस्थापक और पूर्व सीएम पवन कुमार चामलिंग को अपना राजनीतिक गुरु मानने वाले तमांग ने एसडीएफ के खिलाफ ही विरोध की आवाज को बुलंद किया था। इसके बाद लगातार दो चुनावों में एसकेएम ने एसडीएफ को करारी शिकस्त देकर सत्ता का सिंहासन हासिल किया। प्रेम सिंह तमांग का जन्म 5 फरवरी 1968 को पश्चिम सिक्किम के सिंग्लिंग बस्टी में हुआ था। उनके पिता का नाम कालू सिंह तमांग और मां का नाम धन माया तमांग है। शुरुआती शिक्षा हासिल करने के बाद तमांग ने 1988 में दार्जिलिंग गवर्नमेंट कॉलेज से कला में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। राजनीति में आने से पहले तमांग सरकारी शिक्षक थे। हालांकि, शिक्षक की नौकरी के बदले उनकी सामाजिक कार्यो में अधिक रूचि रही। इसी वजह से वे बाद में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) की राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने लगे। फिर उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और एसडीएफ के स्थाई सदस्य बन गए।

सिक्किम विधानसभा चुनाव 2024 के रविवार को घोषित परिणाम में प्रेम सिंह तमांग की पार्टी एसकेएम (सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा) ने एकतरफा प्रदर्शन करते हुए कुल 32 में से 31 सीटों पर कब्जा कर लिया।
विधानसभा चुनाव नतीजोंल के बाद मीडिया से मुखातिब होते सिक्किम के सीएम

पहली बार 1994 में चखा था सियासी जीत का स्वाद

वर्ष 1994 में तमांग ने अपने जीवन का पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। एसडीएफ के टिकट पर सोरेंग चाकुंग सीट से चुनाव लड़कर उन्होंने पहली जीत भी दर्ज की। 1994 से 1999 तक वे पशुपालन, चर्च और उद्योग विभाग के मंत्री रहे। 1999 के विधानसभा चुनाव में में वे एक बार फिर से सोरेंग चाकुंग विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। वर्ष 1999 से लेकर 2004 तक उन्होंने राज्य के उद्योग और पशुपालन मंत्री के रूप में कार्य किया। वर्ष 2004 में उन्होंने एक बार फिर से चाकुंग निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार सतीश मोहन प्रधान को हराकर जीत दर्ज की। इसी के साथ वे राज्य के भवन एवं आवास विभाग के मंत्री बने। 2009 में प्रेम सिंह तमांग ने अपर बुर्तुक से चुनाव लड़ा और कांग्रेस प्रत्याशी अरुण कुमार राय को मात दी। चुनाव के तुरंत बाद उन्हें उद्योग विभाग का अध्यक्ष चुना गया लेकिन उन्होंने अध्यक्ष के रूप में काम नहीं किया। 2009 में सिक्किम के कर्मचारियों द्वारा रोलू पिकनिक कार्यक्रम के बाद तमांग और एसडीएफ के बीच मनभेद हो गया। इसकी वजह यह थी कि सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद वह पार्टी के बागी विधायकों की श्रेणी में शामिल हो गए। वह प्रत्यक्ष रूप से एसडीएफ का विरोध करने लगे थे। इसके बाद वर्ष 2013 में उन्होंने आधिकारिक रूप से एसडीएफ से पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।

वर्ष 2013 में तमांग ने गठित किया एसकेएम

वर्ष 2013 में एसडीएफ से प्रेम सिंह तमांग के इस्तीफे के बाद राज्य में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) नाम से नई पार्टी अस्तित्व में आई। तमांग ने पार्टी का गठन किया और 2014 के विधानसभा चुनाव में ताल ठोंक दी। इस दौरान एसकेएम ने राज्य की 32 में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की। 43 फीसदी वोटिंग शेयर के साथ राज्य में एसकेएम के लिए अच्छी शुरुआत थी। 2014 के चुनाव में एसडीएफ ने 22 सीटें जीतीं और पवन कुमार चामलिंग लगातार पांचवीं बार सीएम बने थे। इसके ठीक बाद तमांग पर सरकारी धन की हेराफेरी का आरोप लगा। अदालत ने भी इस मामले में तमांग को दोषी करार दिया और तमांग को अपनी विधायकी गंवानी पड़ी।

समयचक्र बदला तो बिना चुनाव लड़े ही सीएम बने तमांग

समय बदला और इसके बाद वर्ष 2019 में राज्य में पहली बार तमांग के नेतृत्व वाली एसकेएम ने राज्य में पहली बार जीत दर्ज की। ये वो पल था जब, 24 वर्ष पांच महीने और 15 दिन तक काबिज रही पवन कुमार चामलिंग की सरकार को सत्ता से बाहर होना पड़ा। एसकेएम में 17 सीटों पर जीत हासिल कर सत्ता पर काबिज हुई। राज्य में पवन कुमार चामलिंग सरकार का अस्त हुआ और प्रेम सिंह तमांग सरकार का उदय हो गया। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे तमांग ने इस बार चुनाव नहीं लड़ा। इसके बावजूद, उन्होंने सिक्किम के छठे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। सीएम बनने के बाद तमांग ने पोकलोक-कामरांग विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वर्ष 2024 में तमांग ने अपने जनाधार पर फिर एक बार मुहर लगा दी और जिन दो सीटों से उन्होंने चुनाव लड़ा, वहां उन्हें जीत हासिल हुई। सोरेंग-चाकुंग और रेनॉक सीटों पर जीत दर्ज कर तमांग ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि जनता के बीच उनकी मजबूत पकड़ है।

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