वन भूमि का अतिक्रमण कर कोयला के अवैध परिवहन का मामला विस में गूंजा, सरकार के जवाब से सीता सोरेन असंतुष्ट

रांची : वन भूमि का अतिक्रमण कर कोयला के अवैध परिवहन का मामला विस में गूंजा, सरकार के जवाब से सीता सोरेन असंतुष्ट- झामुमो

विधायक सीता सोरेन ने सीसीएल के आम्रपाली परियोजना सहित

अन्य परियोजनाओं के कोयले के परिवहन के लिए अवैध रूप से हो रहे व्यापक पैमाने पर

वन भूमि के इस्तेमाल का मामला उठाया.

उन्होंने कहा कि यह मामला वन विभाग के संज्ञान में आने के बाद भी

कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जा रही है और

आज ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सदन में सरकार की ओर से जो जवाब आया,

वह भी असंतोषजनक हैं. इसके खिलाफ

कल 24 मार्च को वह विधानसभा के मुख्य द्वार पर धरना पर बैठेंगी.

विधायक सीता सोरेन ने कहा कि चतरा

जिले के टंडवा प्रखंड में खाता नं 68 प्लांट संख्या 293 राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार वनभूमि दर्ज हैं.

57 एकड़ मध्य भूमि में से 14 एकड़ वन भूमि दर्ज,

लेकिन भी फिर भी खुले आम कोयला ढुलाई करके जंगल को उजाड़ किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि आम्रपाली खादान से शिवपुर साइडिंग तक का रोड वन विभाग के पदाधिकारियों द्वारा कभी काट दिया जाता है, तो कभी जोड़ दिया जाता है.

सीसीएल और वन विभाग के पदाधिकारियों पर हो कार्रवाई

उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषी सीसीएल और वन विभाग के पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

बिना एनओसी अवैध कोयला ढुलाई परिवहन कार्य को तुरंत बंद कराया जाना चाहिए.

इन कंपनियों ने किया उल्लंघन

उन्होंने कहा कि वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा भी यह स्वीकार किया गया है कि चतरा जिला अंतर्गत नौडीहा मौजा में 2.94 हेक्टेयर अधिसूचित वनभूमि पर वर्ष 2019, 2020 और 2021 में क्रमशः मेसर्स मां अम्बे प्राइवेट लि., मेसर्स रामश्ेवर प्रोजेक्ट प्रा. लि. और मेसर्स आरकेटीसी लि. द्वारा कोयला परिवहन के लिए भारत सरकार की पूर्वानुमति प्राप्त किये बिना भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 का उल्लंघन करते हुए सड़क का निर्माण किया गया.

परिवहन पर रोक नहीं लगाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण

इस मामले में सुमित चटर्जी एवं अन्य पांच, टीके राव एवं सुशील कुमार सिंह एवं अन्य दो के खिलाफ जुर्म प्रतिवेदन, ओआर दर्ज किये गये हैं. जबकि ऐसे चार जुर्म प्रतिवेदनों में से दो जुर्म प्रतिवेदनों के संदर्भ में जांचोपरांत अभियोजन प्रतिवेदन अदालत में समर्पित कर दिया गया है और शेष मामले जांच के लिए प्रक्रियाधीन हैं. जब अनियमितता की बात उजागर हो गयी, इसके बावजूद अवैध परिवहन पर रोक नहीं लगाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण हैं.

शीतकालीन सत्र में भी विधायक ने उठाया था मामला

विधायक सीता सोरेन ने इससे पहले वर्ष 2021 शीतकालीन सत्र में भी एक तारांकित प्रश्न में सरकार द्वारा यह स्वीकार किया है कि वन विभाग के स्थानीय वन पदाधिकारियों ने 24 सितंबर 2021 को रास्ता अवरूद्ध कर दिया था. परंतु आरकेटीसी के कर्मियों द्वारा अवरूद्ध मार्ग को पुनः भरकर परिवहन कार्य आम्रपाली खदान से शिवपुर रेलवे साइडिंग के लिए चालू कर दिया गया.

रिपोर्ट: शाहनवाज

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