पिता सचिन की राह चले पुत्र अर्जुन तेंदुलकर, पहले मैच में ही जड़ दिया शतक

नई दिल्ली : पिता सचिन की राह- वो भी दिसंबर का महीना था यह भी दिसंबर का महीना है.

बस वह साल दूसरा था ये साल दूसरा है. वह साल था 1988 और यह साल है 2022.

फर्क इतना कि 1988 के दिसंबर के महीने में 16 साल के खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने

अपने रणजी ट्रॉफी के डेब्यू मैच में शतक ठोका था.

और अब 34 साल बाद 2022 में उनके बेटे अर्जुन तेंदुलकर ने रणजी ट्रॉफी के डेब्यू मैच में शतक ठोका है.

राजस्थान के खि़लाफ़ जड़ा सैकड़ा

पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर ने अपने पहले ही रणजी ट्रॉफी मुकाबले में गोवा की तरफ से खेलते हुए राजस्थान के खि़लाफ़ सैकड़ा जड़ दिया. इस मुकाबले में अर्जुन तेंदुलकर सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए और वहां से उन्होंने अपनी टीम के लिए एक बेमिसाल पारी खेली.

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पिता सचिन की राह: फर्स्ट क्लास क्रिकेट में किया डेब्यू

अर्जुन ने राजस्थान के लगभग सभी गेंदबाजों की जमकर धुनाई की और गोवा के लिए एक बहुमूल्य पारी खेला. यह अर्जुन तेंदुलकर का फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू मैच है. गोवा में खेले जा रहे इस मैच में राजस्थान की टीम ने टॉस जीतने के बाद पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया.

गोवा ने पहले दिन 5 विकेट के नुकसान पर बनाए 210 रन

13 दिसंबर को जब पहले दिन का खेल खत्म हुआ उस वक्त अर्जुन 4 रन के स्कोर पर नाबाद थे. गोवा ने पहले दिन 5 विकेट के नुकसान पर 210 रन बनाए. मैच के दूसरे दिन यानी 14 दिसंबर को जूनियर तेंदुलकर ने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए अपने पहले ही रणजी मैच में सेंचुरी लगा दी. अपने शतकीय पारी के दौरान उन्होंने कई खूबसूरत शॉट लगाए.

अर्जुन तेंदुलकर ने खेली 120 रनों की शानदार पारी

अर्जुन तेंदुलकर ने अपना शतक 179 गेंदों पर पूरा किया और इस दौरान उन्होंने 12 चौके और 2 छक्के लगाए. अर्जुन अंततः 120 रन बनाकर आउट हुए. इस दौरान उन्होंने 207 गेंदों का सामना किया और 16 चौके और 2 छक्के लगाए. अर्जुन का कीमती विकेट कमलेश नगरकोटी को मिला. इतना ही नहीं इस पारी के दौरान अर्जुन ने सुयश प्रभूदेसाई के साथ 200 से ज्यादा रनों की साझेदारी की.

पिता सचिन की राह: 1988 में सचिन तेंदुलकर ने रणजी डेब्यू मैच में जड़ा था शतक

बता दें कि सचिन तेंदुलकर ने 1988 में सिर्फ 15 साल 231 दिनों की उम्र में अपने रणजी डेब्यू मैच में शतक जड़ा था. सचिन कि वह सेंचुरी गुजरात के खिलाफ आई थी. इस सीजन से पहले अर्जुन तेंदुलकर मुंबई की ओर से खेलते थे. लेकिन उन्हें रणजी ट्रॉफी टीम में शामिल होने के बाद भी खेलने का मौका नहीं मिला था. ऐसे में इस सत्र में अर्जुन तेंदुलकर ने गोवा की ओर से खेलने का फैसला किया और यहां अपना पहला रणजी मैच खेलते हुए शानदार शतक लगाया.

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