पटना/मोकामा । Mokama में अनंत सिंह पर फायर झोंकने वाले सोनू-मोन गैंग का यूपी के मुख्तार अंसारी से रहे हैं संबंध। बिहार की सियासत में बीते बुधवार की शाम से Mokama में पूर्व विधायक बाहुबली नेता अनंत सिंह पर फायर झोंकने की घटना से सुर्खियों में आए सोनू-मोन गैंग का यूपी के मुख्तार अंसारी से भी संबंध होने की बात सामने आई है।
बताया जा रहा है कि इस गिरोह के तार कई राज्यों से जुड़े हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश के मुख्तार अंसारी का नाम भी शामिल है। बताया जा रहा है कि बीते बुधवार की शाम जब सोनू-मोनू गैंग की ओर से फायरिंग हुई तो अनंत सिंह के लोगों ने भी फायर खोल दिया। दोनों ओर से करीब आधे घंटे तक फायरिंग होती रही।
पुलिस खुद दावा कर रही है कि 70 राउंड फायरिंग हुई है जबकि स्थानीय लोग बता रहे हैं कि 100 से अधिक राउंड फायर हुए हैं। पुलिस के मुताबिक सोनू-मोनू गैंग ने मोकामा, बख्तियारपुर समेत करीब दर्जन भर थाना क्षेत्रों में अपराधों को अंजाम दिया है और इन सभी क्षेत्रों में इनकी खूब दहशत है।
बाहुबली अनंत सिंह परफायरिंग से पुलिस मुख्यालय में हड़कंप
छोटे सरकार के नाम से मशहूर Mokama के अनंत सिंह पर हमले के रूप में बीते बुधवार की शाम बिहार की राजनीति में बड़ी घटना हुई। इस घटना से मोकामा थाने ही नहीं, राज्य पुलिस मुख्यालय में भी हड़कंप मच गया है। हर कोई हैरान है और यह जानना चाहता है कि बिहार में ऐसा कौन सा बदमाश पैदा हो गया, जिसने छोटे सरकार पर हाथ डालने की कोशिश की है।
इसके साथ ही देश भर में कभी अपराध की नर्सरी रहे बिहार के Mokama में एक बार फिर से गैंगवार शुरू होने का अंदेशा जताया जा रहा है। ऐसे में यह जानने में लोग ज्यादा रुचि ले रहे हैं कि आखिर वे बदमाश कौन हैं जिनने इस दुसाहस को अंजाम दिया है। Mokama पुलिस के मुताबिक छोटे सरकार पर हमला किसी और ने नहीं, बल्कि उन्हीं के चेलों ने किया है। ये चेले सोनू-मोनू हैं।
करीब 10-12 साल पहले तक ये दोनों अनंत सिंह के साथ ही थे और उन्हीं की नर्सरी में अपराध का ककहरा सीखा था। हालांकि अनंत सिंह के जेल जाने तक ये दोनों कभी पनप नहीं पाए। बताया जा रहा है कि वहीं जब अनंत सिंह की पहली बार गिरफ्तारी हुई तो इन दोनों को मौका मिल गया और इन्होंने अनंत सिंह का गिरोह छोड़ कर अपना खुद का गिरोह बना लिया।
हालांकि अनंत सिंह के जेल में रहते इन लोगों ने उनसे कभी टकराने की कोशिश नहीं की। इस दौरान ये लोग छोटे मोटे अपराध करते और रंगदारी वसूल कर जीते खाते रहे। इधर, पिछले साल 16 अगस्त को अनंत सिंह जेल से बाहर आ गए और वह फिर से अपनी खोई पहचान हासिल करने लगे। ऐसे में सोनू-मोनू को उनसे खतरा महसूस होने लगा था।
Mokama में एकाधिक बार दोनों पक्षों में हो चुका है टकराव, पुरानी है रंजिश…
Mokama में पूर्व विधायक अनंत सिंह और सोनू-मोनू गिरोह के बीच बीते बुधवार की शाम हुई फायरिंग की घटना के बाद से वर्चस्व की लड़ाई फिर छिड़ गई है। इससे पहले भी कई बार दोनों के बीच टकराव हो चुका है, जिसमें हत्या की साजिशें भी शामिल हैं। यह गैंगवार पुराने विवाद और वर्चस्व की जंग का नतीजा है। सोनू-मोनू गिरोह ने पहले भी अनंत सिंह की हत्या की कई बार कोशिश की है।
एक बार तो एके-47 तक खरीद ली गई थी। हालांकि, पुलिस ने समय रहते कार्रवाई करते हुए हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पूर्व विधायक अनंत सिंह और सोनू-मोनू गिरोह के बीच दुश्मनी कोई नई बात नहीं है। साल 2017 में मोनू सिंह ने अनंत सिंह को मारने के लिए मुंगेर से 6 लाख रुपये में एके-47 राइफल खरीदी थी। सोनपुर में हत्या की योजना बनाई गई।
न केवल अनंत सिंह, बल्कि उनके करीबी मुखिया प्रत्याशी मणि सिंह को भी निशाना बनाने की साजिश रची गई थी। लेकिन यह योजना सफल नहीं हो सकी। साल 2018 में फिर से अनंत सिंह की हत्या की साजिश रची गई। पुलिस ने समय रहते मोनू और उसके साथी निलेश को गिरफ्तार कर लिया। सोनू-मोनू गिरोह ने अनंत सिंह की हत्या के लिए 50 लाख रुपये की सुपारी ली थी।
Mokama के सोनू-मोनू का यूपी के दिवंगत माफिया मुख्तार अंसारी से संबंधों का राज जानिए…
Mokama में पूर्व विधायक बाहुबली अनंत सिंह के विरोधी बने Mokama के ही सोनू और मोनू दोनों सगे भाई हैं और मिलकर गैंग चलाते हैं। इन पर लूट, रंगदारी और हत्या जैसे कई संगीन अपराधों के मामले दर्ज हैं। इस गिरोह के तार बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल और दिल्ली तक फैले हैं। सोनू-मोनू गिरोह का संबंध उत्तर प्रदेश के मऊ से विधायक रहे मुख्तार अंसारी से भी रहा है।
यह बात खुद मोनू ने 2018 में गिरफ्तारी के बाद पटना पुलिस को बताई थी। नौरंगा गांव के रहने वाले सोनू-मोनू इलाके के कुख्यात अपराधी हैं। इन पर हत्या, अपहरण और फिरौती समेत 12 से ज्यादा संगीन मामले दर्ज हैं।
Mokama में अनंत सिंह के साथ इनकी पुरानी दुश्मनी है। 2009 में ट्रेन में लूटपाट के बाद सोनू-मोनू का गांव में ही दरबार लगने लगा था। दोनों के खिलाफ Mokama जीआरपी में कई मामले दर्ज हैं। ये सभी मामले ट्रेन में लूटपाट से जुड़े हैं। पटना के अगमकुआं थाना क्षेत्र में हथियार बरामदगी मामले में मोनू बेऊर जेल में कई महीनों तक सजा काट चुका है।