रांची: झारखंड विधानसभा के पूरक सत्र में इस बार किसानों की समस्या और प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का मुद्दा प्रमुखता से गूंजेगा। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बताया कि सदन में अतिवृष्टि और बाढ़ से फसलों को हुए भारी नुकसान पर दो घंटे की विशेष चर्चा तय की गई है।
किसानों की समस्या पर केंद्रित होगा एजेंडा
वित्त मंत्री ने कहा कि लगातार हुई भारी बारिश और बाढ़ की वजह से राज्य के कई जिलों में किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। धान, मक्का और दलहन जैसी प्रमुख फसलें प्रभावित हुई हैं। हजारों किसानों की आजीविका पर संकट गहरा गया है। ऐसे में सरकार उनकी समस्या को गंभीरता से ले रही है।

केंद्र से राहत राशि की मांग
राधाकृष्ण किशोर ने स्पष्ट किया कि इस विशेष चर्चा के दौरान राज्य सरकार केंद्र सरकार से एसआरई (State Relief Expenditure) फंड जारी रखने की मांग करेगी। इस फंड की मदद से प्रभावित किसानों और ग्रामीणों को शीघ्र राहत पहुंचाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले ही प्रभावित इलाकों का सर्वे करा रही है, ताकि सटीक आंकड़ों के आधार पर राहत और मुआवजा उपलब्ध कराया जा सके।
विपक्ष भी करेगा सरकार को घेरने की तैयारी
विधानसभा सत्र के दौरान विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि सरकार समय पर राहत सामग्री उपलब्ध कराने और किसानों को सहायता पहुंचाने में विफल रही है। वहीं, सत्तापक्ष का कहना है कि केंद्र और राज्य मिलकर इस आपदा से निपटने के लिए समन्वय कर रहे हैं और किसानों को निराश नहीं किया जाएगा।
सरकार की प्रतिबद्धता
वित्त मंत्री ने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास है कि हर प्रभावित किसान तक राहत पहुंचे और उनकी आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।”
किसानों की उम्मीदें
ग्रामीण इलाकों से खबर है कि किसान सरकार से तुरंत मुआवजा और बीज-खाद की सहायता की उम्मीद लगाए बैठे हैं। कई किसानों ने कहा कि अगर समय पर मदद नहीं मिली तो अगली फसल बोना मुश्किल हो जाएगा।
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