कोलंबो : श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के बीच रानिल विक्रमसिंघे ने संसद परिसर में गुरुवार को
राष्ट्रपति पद की शपथ ली. राष्ट्रपति कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि
विक्रमसिंघे आज ही एक नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति करेंगे.
इससे पहले राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने बुधवार दोपहर तीनों सशस्त्र बलों और पुलिस के प्रति आभार व्यक्त किया था.
जिन्होंने पिछले कुछ दिनों में संसद के सुरक्षा मामलों में अपने कर्तव्यों का पालन किया.
रानिल को मिले थे 134 मत
राष्ट्रपति के मीडिया डिवीजन द्वारा जारी प्रेस रिलीज में विक्रमसिंघे ने कहा कि
वह उन सभी लोगों के आभारी हैं, जिन्होंने देश के लोकतंत्र की रक्षा के लिए खुद को समर्पित कर दिया.
देश में गंभीर आर्थिक उथल-पुथल के बीच पिछले हफ्ते राष्ट्रपति पद से
गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद रानिल विक्रमसिंघे को संसद में हुई वोटिंग के दौरान 134 मत मिले थे.
जीत के बाद संसद को किया संबोधित
गुप्त मतदान द्वारा संसद का वोट जीतने के तुरंत बाद उन्होंने ने संसद को संबोधित किया.
जिसमें विपक्षी सांसदों सहित सभी विधायकों को एकजुट होने और
उनके साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया ताकि श्रीलंका को मौजूदा आर्थिक संकट से बाहर निकाला जा सके.
देश के युवा चाहते हैं बदलाव- रानिल
रानिल विक्रमसिंघे ने कहा हम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं. देश में एक आर्थिक संकट है और युवा व्यवस्था में बदलाव चाहते हैं.
लोग चाहते हैं कि सभी सांसद एक साथ आएं. देश जल्द ही आर्थिक संकट के इस दौर से बाहर निकलेगा.
बता दें कि 225 सांसदों में से 223 ने नए राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए मतदान किया और चार वोट अमान्य करार दिए गए.
अन्य दो उम्मीदवारों में श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना पार्टी के सांसद दुलस अल्हाप्परुमा और नेशनल पीपुल्स पावर के
नेता अनुरा कुमारा दिसानायके को क्रमशः 82 और तीन वोट मिले था.
प्रधानमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं विक्रमसिंघे
आपको बता दें कि श्रीलंका की राजनीति में विक्रमसिंघे कोई नया नाम नहीं है, इससे पहले छह बार वह
श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं. विक्रमसिंघे राष्ट्रपति चुनाव के शीर्ष दावेदारों में से एक थे.
इससे पहले, विक्रमसिंघे को श्रीलंका के अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया था.
श्रीलंका अब तक के सबसे भीषण आर्थिक संकट से गुजर रहा है.
सरकार द्वारा इससे निपटने में नाकाम रहने पर देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए थे.
हालांकि, मुख्य विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा ने मंगलवार को राष्ट्रपति पद की
दौड़ से अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी और कहा कि वह शीर्ष पद के लिए प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार दुल्लास अल्हाप्परुमा का समर्थन कर रहे हैं.