Stampede In Hathras : सत्संग के बाद मची भगदड़, 130 से अधिक की मौत, संसद में पीएम में किया शोक व्यक्त, सीएम ने की आर्थिक मदद की घोषणा

Stampede In Hathras : हाथरस जिला के सिकंदराराऊ कस्बे के पास एटा रोड पर स्थित गांव फुलरई में सत्संग के बाद मची भगदड़ का मुख्य कारण था कि बाबा के काफिले को निकालने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ को एक हिस्से से को रोका गया।

डिजीटल डेस्क : Stampede In Hathras : सत्संग के बाद मची भगदड़, 130 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत, संसद में पीएम में प्रकट की संवेदना। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को बड़ा हादसा हुआ। हाथरस जिला के सिकंदराराऊ कस्बे के पास एटा रोड पर स्थित गांव फुलरई में सत्संग के बाद मची भगदड़ का मुख्य कारण था कि बाबा के काफिले को निकालने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ को एक हिस्से से को रोका गया।

उसी से भगदड़ मच गई। बताया जा रहा है कि वहां कथा कहने आए कथावाचक भोले बाबा का काफिला निकल रहा था और तभी सत्संग में शामिल श्रद्धालु भी अपने घर को निकल रहे थे। अब तक 130 से अधिक मौत की पुष्टि की गई है। उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची इस भगदड़ की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। Stampede In Hathras :

गड्ढे में कुछ के गिरने के बाद मची भगदड़, लोग एक-दूसरे को रौंदकर निकलते रहे

सत्संग बाद श्रद्धालुओं के निकलने के दौरान मची भगदड़ में आरंभिक तौर पर 90 लोगों की मौत होने की जानकारी दी गई थी। मृतकों में हाथरस और एटा के रहने वाले हैं। शवों को अलीगढ़ और एटा पहुंचा गया है।। मौके पर डीएम आशीष कुमार और एसपी निपुण अग्रवाल रवाना पहुंचे हैं। आईजी शलभ माथुर सिकंदराराऊ के लिए रवाना हो गए हैं। बताया जा रहा है कि सत्संग समाप्त होने के बाद भीड़ को रोक दिया गया था और भोले बाबा को पीछे के दरवाज़े से निकाला जा रहा था।

इससे अंदर दबाव बढ़ गया। वहां एक गहरा गड्ढा था, जिसमें कुछ लोग गिरे तो भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे को रौंदकर निकलते रहे। गड्ढे में गिरकर कई लोगों की मौत हो गई। Stampede In Hathras : Stampede In Hathras :

Stampede In Hathras : ऐसे बनी भगदड़ की स्थिति, मृतकों में महिलाएं ज्यादा

बताया जा रहा है कि हाथरस जनपद में सिकंदराराऊ थाना अंतर्गत फुलरई मुगलगढ़ी के एक खेत में साकार हरि बाबा का एक दिवसीय सत्संग चल रहा था। वहां पर बच्चों के साथ महिलाएं और पुरुष बाबा का प्रवचन सुन रहे थे। लगभग पौने दो बजे सत्संग खत्म हुआ तो बाबा के अनुयायी बाहर सड़क की ओर जाने लगे। लगभग 50 हजार की संख्या में अनुयायियों को सेवादारों ने जहां थे, वहीं रोक लिया।

सेवादारों ने साकार हरि बाबा के काफिले को वहां से निकाला। उतनी देर तक वहां अनुयायी गर्मी और उमस में खड़े रहे। बाबा के काफिले के जाने के बाद जैसे ही सेवादारों ने अनुयायियों को जाने के लिए कहा, वहां भगदड़ की स्थिति बन गई। इसी गर्मी, उमस और भीड़ में दम घुटने से अनुयायी वहीं पर बेहोश होकर गिर गए। मरने और घायल होने वालों में महिलाओं की संख्या ज्यादा है। साथ ही बच्चों के भी हताहत होने की जानकारी मिल रही है। हादसे के बाद घायलों को सिकंदराराऊ सीएचसी और एटा की ओर एम्बुलेंस से उपचार के लिए भेजा गया।

सिकंदराराऊ में हुए हादसे के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। इमरजेंसी से लेकर पोस्टमार्टम हाउस में स्टाफ को तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं। जिले के अलग-अलग स्थानों से एम्बुलेंस को घटना स्थल के लिए भेजा गया है।

तीन किलोमीटर तक फैले थे वाहन, चारों ओर मची चीख-पुकार

जो लोग इस सत्संग में शामिल होने गए थे और भगदड़ का शिकार हुए हैं उन्होंने बताया कि मौके पर मंजर बड़ा भयावह और अकल्पनीय था। एक युवती ने बताया कि सत्संग में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी हुई थी। सत्संग समाप्त हुआ तो लोग वहां से जाने लगे। तभी निकलने की जल्दी में भगदड़ मच गई। लोग एक दूसरे को देख ही नहीं रहे थे।

महिलाएं और बच्चे गिरते चले गए। भीड़ उनके ऊपर से दौड़ रही थी। कोई बचाने वाला नहीं था। चारों ओर चीख पुकार मची हुई थी। यहां महीने की शुरुआत के पहले मंगलवार को सत्संग होता है। इस सत्संग में राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा सहित कई राज्यों के लोग आए थे। भीड़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वाहनों की संख्या तीन किलोमीटर तक फैली हुई थी।

उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची इस भगदड़ की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है।
Stampede In Hathras : भगदड़ से हुई मौतों के बाद परेशानहाल लोग।

संसद में अपने संबोधन के बीच में ही पीएम मोदी ने हाथरस की घटना पर संवेदना प्रकट की

संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर अपना संबोधन दे रहे पीएम नरेंद्र मोदी सायं करीब साढ़े पांच बजे के बाद अचानक हाथरस में हुई दुखद घटना का जिक्र किया। विपक्षी सांसदों के शोर-शराबे के बीच उन्होंने कहा कि यूपी के हाथरस में हुई दुखद घटना का जानकारी मिली है। वहां भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की मौत होने एवं कइयों के घायल होने की सूचना है। मरने वालों के लिए पीएम मोदी ने अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं एवं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

साथ ही कहा कि यूपी सरकार लगातार घटना के संबंध में तत्परतापूर्ण ढंग से काम कर रही है। केंद्र के उच्चाधिकारी भी घटना के बाबत लगातार यूपी सरकार के अपने समकक्षों से संपर्क में हैं और यथासंभव सहयोग प्रदान किया जा रहा है।

सीएम योगी ने हादसे पर प्रकट किया शोक, मंत्रियों को मौके पर भेजा और जांच के निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर शोक प्रकट करते हुए अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि जनपद हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के युद्ध स्तर पर संचालन और घायलों के समुचित उपचार हेतु निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और  संदीप सिंह घटना स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं तथा प्रदेश के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को घटना स्थल पर पहुंचने हेतु निर्देशित किया है। Stampede In Hathras : Stampede In Hathras :

एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश भी दिए हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान तथा घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।

सीएम योगी ने किया मृतकों और घायलों के लिए आर्थिक मदद का ऐलान

हाथरस में सत्संग में भगदड़ मचने से हुई मौतों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे में मरने वालों के लिए आर्थिक मदद का भी ऐलान कर दिया है। उन्होंने हाथरस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजन को 2-2 लाख रुपये एवं घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का निर्देश दिया है। साथ ही घायलों के समुचित इलाज के लिए भी अफसरों को निर्देशित किया है। मौके पर सरकारी तौर पर तत्काल राहत कार्य और जांच शुरू कर दी गई थी। Stampede In Hathras :

जिसके सत्संग में बिछीं लाशें, उस स्वयंभू संत भोले बाबा की खंगाली जा रही कुंडली

जिनके सत्संग में मंगलवार को मचीन भगदड़ के बाद श्रद्धालुओं की लाशें बिछ गईं, अब तत्काल उस स्वयंभू संत भोले बाबा की कुंडली भी खंगाली जाने लगी है। आरंभिक तौर पर सामने आया है कि वह मूल रूप से यूपी के ही कांशीराम नगर (कासगंज) में पटियाली गांव के रहने वाले हैं। पहले वह उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए थे, लेकिन 18 साल की नौकरी के बाद वीआरएस ले लिया और और अपने गांव में ही झोपड़ी बनाकर रहते हैं और उत्तर प्रदेश के अलावा आसपास के राज्यों में घूम कर लोगों को भगवान की भक्ति का पाठ पढ़ाते हैं। Stampede In Hathras : Stampede In Hathras : Stampede In Hathras :

खुद भोले बाबा कहते हैं कि बचपन में वह अपने पिता के साथ खेती बाड़ी का काम करते थे। जवान हुए तो पुलिस में भर्ती हो गए। उनकी पोस्टिंग राज्य के दर्जन भर थानों के अलावा इंटेलिजेंस यूनिट में रही है। संत भोले बाबा के मुताबिक उनके जीवन में कोई गुरू नहीं है। वीआरएस लेने के बाद उन्हें अचानक भगवान से साक्षात्कार हुआ और उसी समय से उनका झुकाव अध्यात्म की ओर हो गया। भगवान की प्रेरणा से उन्होंने जान लिया कि यह शरीर उसी परमात्मा का अंश है। इसके बाद उन्होंने अपना पूरा जीवन मानव कल्याण में लगाने का फैसला कर लिया। Stampede In Hathras : Stampede In Hathras :

संते भोले बाबा का दावा है कि वह खुद कहीं नहीं जाते, बल्कि उन्हें भक्त बुलाते हैं। उन्होंने कहा था कि वह भक्तों की फरियाद पर लगातार अलग अलग स्थानों पर घूम कर समागम करते आ रहे हैं। भोले बाबा का दावा है कि उनके भक्तों और अनुयायियों की संख्या लाखों में है। हरेक समागम में बड़ी संख्या में अनुयायी पहुंचते हैं। कई बार किसी किसी समागम में उनके अनुयायियों की संख्या 50 हजार से भी अधिक हो जाती है। वह कहते हैं कि अपने अनुयायियों को हमेशा मानवता के कल्याण की बात सिखाते हैं और उन्हें मानव सेवा कर भगवान से जुड़ने की प्रेरणा देते हैं। Stampede In Hathras : Stampede In Hathras :

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