रांची: विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर, जनसंख्या स्थिरता अभियान के तहत राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
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इस वर्ष की थीम ‘जेंडर इक्वलिटी’ (लैंगिक समानता) है। कार्यक्रम की शुरुआत में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर अभियान निदेशक आलोक त्रिवेदी ने विश्व जनसंख्या दिवस पर प्रकाश डाला और बताया कि 1989 से हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है।
वर्तमान में देश की जनसंख्या 140 करोड़ है, और प्रजनन दर 2 प्रतिशत है, जबकि राज्य की प्रजनन दर 2.3 प्रतिशत है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि भारत और दुनिया के गंभीर संकेतों (बढ़ती जनसंख्या) पर लोगों का ध्यान आकर्षित करना जरूरी है, जिसके दुष्प्रभाव में बेटे की चाहत में भ्रूण हत्याएं शामिल हैं।
यह विषय बहुत चिंता का कारण है। शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर में राज्य में कमी आई है, लेकिन जनसंख्या के मामले में झारखंड की दर देश की तुलना में अधिक है।
जनसंख्या स्थिरता अभियान के तहत राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन
राज्य में 5,47,826 महिलाओं की नसबंदी हुई है, जबकि केवल 9047 पुरुषों की नसबंदी की गई है। 1991 में 36 करोड़ जनसंख्या थी, जो 2022 में 140 करोड़ हो गई है, और भविष्य में यह जनसंख्या 166 करोड़ पर पहुंच जाएगी।
अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि आज 35वां विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जा रहा है, और देश की आबादी 140 करोड़ पहुंच गई है। 1991 से अब तक देश की आबादी में चार गुना बढ़ोतरी हुई है।
फसल-खाद्यान्न का उत्पादन बढ़ा है, लेकिन बीमारियों की भी संख्या में वृद्धि हुई है। हमें अब ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर के लिए समय का प्रयोग करना चाहिए।
खाद्यान्न के उत्पादन के लिए केमिकल का उपयोग किया जाता है, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। केमिकल युक्त खाद्यान के सेवन से कैंसर जैसी बीमारियों की वृद्धि हुई है।