Ranchi: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया से ग्रस्त 5 मासूम बच्चों को एचआईवी (HIV) संक्रमित खून चढ़ाए जाने की घटना को “लापरवाही नहीं बल्कि राज्य-प्रायोजित हत्या का प्रयास” करार दिया है।
सिर्फ़ लापरवाही नहीं, बल्कि राज्य-प्रायोजित हत्याः
मरांडी ने कहा कि यह मामला केवल डॉक्टर या टेकनीशियन की कमी का विषय नहीं है, बल्कि यह पूरे स्वास्थ्य तंत्र की विफलता और राज्य सरकार की संवेदनहीनता को उजागर करता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इन बच्चों की भविष्य में मृत्यु हो जाती है, तो यह सिर्फ़ लापरवाही नहीं, बल्कि राज्य-प्रायोजित हत्या कहलाएगी।
संवेदनशील मंत्री द्वारा स्वास्थ्य विभाग का नेतृत्व होः
उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सवाल किया कि क्या यह मामला केवल कुछ कर्मचारियों की गलती है? यह मामला आपके द्वारा संचालित स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था, आपकी सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने आग्रह किया कि सिर्फ डॉक्टरों को निलंबित करना पर्याप्त नहीं।
झारखंड को उसके सबसे अयोग्य और निष्क्रिय स्वास्थ्य मंत्री से मुक्त किया जाना चाहिए और एक जिम्मेदार, संवेदनशील मंत्री द्वारा स्वास्थ्य विभाग का नेतृत्व करना चाहिए। मरांडी ने कहा कि बच्चों की जिंदगी के साथ जो खिलवाड़ हुआ है, उसे माफी से नहीं, बल्कि जवाबदेही से न सुधारा जाएगा। इस मामले को उन्होंने स्वास्थ्य सेवा और मानवाधिकारों की दृष्टि से बेहद गंभीर माना है।
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