रांची: आतंकी हमले को लेकर दिए गए अपने विवादित बयान पर मंत्री सुदिव्य सोनू ने अब सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने यह बयान जानबूझकर दिया था ताकि यह सवाल उठे कि इस तरह की घटनाओं के बाद जवाबदेही किसकी होनी चाहिए।
मंत्री सोनू ने कहा, “मेरे बयान पर भूगोल के ज्ञान को लेकर बहुत कुछ कहा गया, लेकिन मेरा मुख्य उद्देश्य यह बताना था कि जब किसी घटना के बाद जवाबदेही तय नहीं हो रही है तो जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को नैतिक जवाबदेही लेनी चाहिए।” उन्होंने कहा, “अगर नए भारत में जिम्मेदार लोग इस्तीफा नहीं दे रहे तो क्या गैर-जिम्मेदार लोगों को देना चाहिए?”
सोनू ने यह भी जोड़ा कि “इस स्थान पर भगवंत मान, ममता बनर्जी या हेमंत सोरेन भी हो सकते थे। सवाल यह है कि जिस व्यक्ति या संस्था पर वास्तविक जवाबदेही बनती है, उनसे कोई सवाल नहीं करता, जबकि बाकी सब पर उंगलियां उठती हैं।”
हमले की गंभीरता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, “देश इतना संवेदनशील है, देश का नेतृत्व इतना संवेदनशील है, तो फिर इतनी बड़ी आतंकी घटना के बाद राष्ट्रीय शोक की घोषणा क्यों नहीं हुई?”
सुदिव्य सोनू के इस बयान ने एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा, जवाबदेही और राजनैतिक जिम्मेदारी जैसे मुद्दों पर बहस छेड़ दी है।