कटिहार नशा मुक्ति केन्द्र में दो वर्षो से बंद है दवाइयों की आपूर्ति
Katihar-बिहार के तकरीबन हर जिले में जहरीली शराब के मौत की खबरें आते रहती है,
होली के दिन भी कई जिलों से जहरीली शराब से मौत की खबरें आई है.
बिहार में नशा मुक्त समाज बनाने का संकल्प लेते वक्त नशे के व्यसन में फंस चुके लोगों के लिए नशा मुक्ति केन्द्र की स्थापना की गयी थी. तब जोर-शाेर से इसका ढोल पीटा गया था, चारो तरफ इसकी चर्चा की हो रही थी.
शराब के व्यसन में बूरी तरह फंस चुके लोगों को इस केन्द्र में रख कर इस व्यसन से मुक्ति दिलवाने का सपना संजोया गया था.
परिजनों का आरोप- काफी महंगी है इसकी दवाइयां
ऐसा ही एक नशा मुक्ति केन्द्र है कटिहार का सदर अस्पताल केन्द्र में.
फिलहाल इस केन्द्र में कुल पांच लोग भर्ती है.
बताया जाता है कि इस नशा मुक्ति केन्द्र में सालों भर शराब के व्यसनियों के आने का सिलसिला जारी रहता है.
लेकिन सच्चाई यह है कि दो साल से इस नशा मुक्ति केन्द्र में सरकार की ओर से दवाइयों की आपूर्ति बंद है.
परिजन अपने पैसे ही दवा की खरीद कर रहे हैं,
परिजनों का कहना है कि दवाइयां काफी महंगी है, इसके कारण परेशानी होती है.
असहाय और अनाथ लोगों के सामने विकट समस्या
लेकिन उससे भी मुश्किल उन लोगों के लिए है, जिनका कोई नहीं है, जो असहारा और अनाथ है.
जिन्हे किसी सामाजिक संस्थाओं या स्वैच्छिक रुप से कार्य करने वाले स्वयंसेवकों के द्वारा भर्ती करवाया गया है,
उनके लिए दवाइयों की खरीद कौन करेगा. यह एक यश प्रश्न है.
रिपोर्ट- श्याम