डिजीटल डेस्क : Supreme Decision – सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती नियमों को बीच में नहीं बदल सकते। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती नियमों को बीच में नहीं बदला जा सकता, जब तक कि प्रक्रिया ऐसा निर्धारित न करे।
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सरकारी नौकरियों के लिए चयन नियम भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से पहले निर्धारित किए जाने चाहिए और इससे उम्मीदवारों को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को इस बात पर अपना फैसला सुनाया कि क्या राज्य और उसके संस्थान प्रक्रिया शुरू होने के बाद नौकरियों के लिए चयन प्रक्रिया के नियमों में बदलाव कर सकते हैं।
CJI की अगुवाई वाली पीठ की टिप्पणी – मनमाने ना हों चयन के नियम
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने की। पीठ में न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा, न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे।
पीठ ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से पहले एक बार तय किए गए नियमों को बीच में नहीं बदला जा सकता। चयन नियम मनमाने नहीं होने चाहिए। यह संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुसार होने चाहिए। शीर्ष कोर्ट ने सर्वसम्मति से कहा कि पारदर्शिता और गैर-भेदभाव सार्वजनिक भर्ती प्रक्रिया की पहचान होनी चाहिए। बीच में नियमों में बदलाव कर के उम्मीदवारों को आश्चर्यचकित होने का मौका नहीं देना चाहिए।