मोतिहारी : झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले सूरज पासवान को जब लगभग 91 हजार रुपए का बिजली का बिल पहुंचा
तो उसके दिमाग का बत्ती जल गया. बिजली विभाग के इस कार्यशैली से परेशान
सूरज अब दर-दर भटक कर इस समस्या का समाधान ढूंढ रहा है.
पूर्वी चंपारण जिले में बिजली विभाग हमेशा सुर्खियों में रहता है.
कभी घोटालों को लेकर तो कभी बजली के गलत बिल को लेकर.
एकबार फिर से इस विभाग का एक नया कारनामा सामने आया है.
बता दें कि जिले के हर्षिद्धि प्रखंड के भादा गांव के वार्ड नंबर 6 निवासी
सूरज पासवान को बजली विभाग द्वारा 90869 रुपए का बजली का बकाया बिल भेजा गया है.
विभाग द्वारा जब ये बिल सूरज के हाथ में मिला तो सूरज के दिमाग का बत्ती जल गया.
क्योंकि सूरज बीपीएल परिवार से आता है और उसे अभी तक इंदिरा आवास का लाभ भी नहीं मिला है. नतीजतन वो झोपड़ी में रहने को विवश है. और सरकार से जो राशन मिलता है उससे सब का पेट भरता है.
बीपीएल परिवार से आता है सूरज
सूरज की गरीबी इस कदर है कि वो अपने इस झोपड़ी में महज 1 या 2 बल्ब ही जलाता है. इसके अलावे उसके घर में पंखा, फ्रिज, कूलर जैसी बिजली से चलने वाला कोई सामान नहीं है. बावजूद इसके जब विभाग द्वारा इतनी मोटी रकम का बकाया बिल उसे मिला तो वो बेचैन हो गया. साथ ही जब गांव वालों को इसकी जनकारी लगी तो सब उस बिल को देख सवाल खड़े करने लगे.
बिजली विभाग ने दिया अल्टीमेटम
विद्युत आपूर्ति प्रमंडल चकिया के द्वारा ये भी लिखा गया है कि अगर इस अल्टीमेटम के बाद भी बिल भुगतान नहीं किया जाता है, तो केस भी दर्ज कर दिया जाएगा. बिल प्राप्ति के बाद अब सूरज एक आवेदन विभाग को दिया है, जिसमें बिल सुधार करने का विभाग से आग्रह किया है.
जानिए जिलाधिकारी ने क्या कहा
हालांकि विभाग द्वारा सुधार की कोई बात अभी नहीं की गई है. लेकिन इस मामले में जिलाधिकारी का कहना है कि ऐसे मामले के निदान के लिये सरकार द्वारा लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी में उठाया गया है, जहां अपील के बाद न्यायसंगत कार्रवाई की जाती है. हालांकि विभाग के इस कार्यशैली से कई सवाल खड़े होते हैं.
रिपोर्ट: शक्ति