टेंडर घोटाले में फंसे निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

टेंडर घोटाले में फंसे निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

रांची: ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को टेंडर कमीशन घोटाले में 21 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। सोमवार को जस्टिस अभय एस. ओका की बेंच ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत का आदेश दिया। वीरेंद्र राम को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 22 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था और तब से वह जेल में थे।

ईडी ने 21 फरवरी 2023 को वीरेंद्र राम के 24 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान जांच एजेंसी ने 40 लाख रुपये नकद, करीब 1.50 करोड़ रुपये के आभूषण और एक दर्जन से अधिक लग्जरी गाड़ियां जब्त की थीं। इसके अलावा, वीरेंद्र राम और उनके परिवार के सदस्यों की 39.28 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की गई।

चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम :

ईडी ने 21 अप्रैल 2023 को पीएमएलए कोर्ट में वीरेंद्र राम, उनकी पत्नी राजकुमारी देवी, पिता गेंदा राम और भाई आलोक रंजन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। जांच में सामने आया था कि टेंडर आवंटन के दौरान भारी कमीशन लिया गया और अवैध संपत्ति जुटाई गई।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को जमानत देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने जमानत के साथ कुछ शर्तें भी लगाई हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य होगा।

हालांकि चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को जमानत मिल गई है, लेकिन टेंडर कमीशन घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में उनके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी। ईडी इस घोटाले के सभी पहलुओं की गहन जांच कर रही है।

 

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