डिजीटल डेस्क : UP में कांग्रेस के नया दलित चेहरा बने तनुज पुनिया, बाराबंकी से हैं सांसद। विधानसभा चुनावों के लेकर सियासी तौर पर उत्तर प्रदेश में जारी तपिश के मौसम में कांग्रेस ने अपने अनुकूल बयार बहाने के प्रयास में नया दांव चला है। हो रहे विधानसभा उपचुनावों के बीच अचानक से यह कांग्रेस की यह पहल काफी अहम है।
कांग्रेस पार्टी ने UP में अपने संगठन को धार देने और वोटरों में अपनी साख बढ़ाने पर लगातार कार्यरत है। अब इसी क्रम में कांग्रेस ने प्रदेश में अपना नया दलित चेहरा सामने किया है। यह हैं बाराबंकी लोकसभा सीट से सांसद तनुज पुनिया।
सपा के गठबंधन में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर गत लोकसभा चुनाव में लखनऊ के निकट बाराबंकी सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर विजेता रहे तनुज पुनिया को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अपने अनुसूचित विभाग का अध्यक्ष बनाया है। माना जा रहा है कि इससे कांग्रेस के अपने सियासी समीकरण में काफी कुछ सुधार होने की संभावनाएं बढ़ेंगी।
UP : अब सवर्णों में अजय राय और दलितों में तनुज बने कांग्रेसी चेहरा…
UP में 9 सीटों पर हो रहे उपचुनाव से कांग्रेस ने भले ही अपने कदम पीछे खींच लिए लेकिन उसे संगठन की अलग रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। पार्टी अब प्रदेश में अपने संगठन को मजबूत करने में जुट गई है।
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के जरिए सवर्णों को साधने की रणनीति पर काम शुरू है तो वहीं, तनुज पूनिया दलित वर्ग में पार्टी का जनाधार मजबूत करने में जुटेंगे। बताया जा रहा है कि बीते लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस सपा के पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक यानी पीडीए पॉलिटिक्स के साथ चुनाव में उतरी थी।
उसमें उसने कुछ अच्छे संकेत मिले तो काफी सोच-विचार अब दलित चेहरा के रूप में कांग्रेस ने अपने इस नए सांसद को आगे किया। हालांकि, तनुज के लिए सियासत नई नहीं है। बता दें कि तनुज पुनिया के पिता पीएल पुनिया (पन्नालाल पुनिया) पार्टी के वरिष्ठ नेता और एससी एसटी आयोग के पूर्व अध्यक्ष भी रहे हैं।
UP : कांग्रेस की इस सियासी चाल ने बसपा को ठिठकाया, बसपा ने तत्काल बोला हमला…
UP में बीते कुछ चुनावों में दलित वोट बैंक के शिफ्ट होने का क्रम चुनावी विश्लेषकों के साथ ही राजनीतिक दलों ने भी साफ-साफ महसूस किया है।
बीते लोकसभा चुनाव में उसी क्रम में भाजपा के खिलाफ यूपी में खास तौर पर समाजवादी पार्टी ने अपने साथ कांग्रेस को गठबंधन में रखते हुए पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) वाली रणनीति चली थी। उसका बेहतर नतीजे न केवल सपा ने बल्कि यूपी की सियासत में हाशिए पर जा चुकी कांग्रेस ने गंभीरता से महसूस किया।
पूरे मामले को कांग्रेस रणनीतिकारों ने संजीदगी से लिया। पूर्व सीएम मायावती से अलग हो रहे दलित वोट बैंक को सपा में उम्मीद दिखी थी तो वहीं, अब कांग्रेस की भी अपने इस पुराने वोट बैंक पर नजर टिक गई है। ऐसे में तनुज पुनिया को आगे कर पार्टी अनुसूचित जाति वर्ग में अपनी स्थिति को मजबूत बनाने के प्रयास में है।
दलित चेहरे के रूप में तनुज पुनिया को जिम्मेदारी सौंपे जाने के साथ ही कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं को बड़ा संदेश दिया गया है। साथ ही, पार्टी अब इस वर्ग को साधने की रणनीति पर काम करती दिखेगी। यूपी चुनाव 2027 को लेकर इस कदम को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसे पार्टी के जनाधार बढ़ाने की रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है।
दूसरी ओर, बसपा जिलाध्यक्ष केके रावत ने आरोप लगाते हुए कांग्रेस को भाजपा की ही भांति चाटुकारों की पार्टी बताते हुए कहा कि ‘पार्टी में केवल गिने चुने दलित नेताओं को तरजीह दी जाती है, जो उनकी बातों को अंध भक्त हो कर मानते है और जिन्हें समाज से कोई लेना देना नहीं है। इन पार्टियों में अन्य दलित नेताओं को सम्मान नहीं दिया जाता है।
…समाजवादी पार्टी पीडीए (पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक) का नारा देने का मतलब फैमिली डेवलवमेंट अथार्टी है। सपा सिर्फ अपने परिवार के लोगों को ही सम्मान देने का काम करती है। UP में 9 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव में बीएसपी बढ़िया रोल अदा करेगी पार्टी में विधायक भी चुन कर समाने आएंगे’।
UP : कांग्रेस संगठन में मिली जिम्मेदारी को निष्ठा से निभाने का तनुज पुनिया ने किया वादा…
कांग्रेस पार्टी में बाराबंकी के सांसद के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष बनने पर कार्यकर्ता नेताओं के बधाई देने का सिलसिला जारी है।
सांसद तनुज पुनिया ने मीडिया से मुखातिब होने पर कहा कि- ‘पार्टी ने अनुसूचित जाति विभाग की जिम्मेदारी दी है…उसे निष्ठा पूर्वक निभाऊंगा। …दलितों की समस्या व शिकायतों, मुद्दों को मजबूती से आयोग में रखा जाएगा’।
गौरतलब है कि सांसद तनुज पुनिया के पिता पी.एल पुनिया साल 2013 से 2016 के बीच राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन रहे हैं। कांग्रेस पार्टी में पी.एल पुनिया बड़ा दलित चेहरा माने जाते हैं।