Friday, August 1, 2025

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देश में अब टेली सर्जरी को मिली मंजूरी

डिजिटल डेस्क : देश में अब टेली सर्जरी को मिली मंजूरी। देश में अब पहली बार केंद्र सरकार ने टेली सर्जरी को मंजूरी दे दी है। यानी अब देश में पहली बार टेली मेडिसिन की तरह टेली सर्जरी को भी लागू करने की मान्यता मिल गई है। इससे अब छोटे अस्पतालों में भी कैंसर और न्यूरो जैसी बड़ी सर्जरी हो सकेंगी।

टेली सर्जरी को मान्यता देने से पहले हुए छह परीक्षण सर्जरी

बताया जा रहा है कि टेली सर्जरी को मान्यता देने से पहले भारत में इसे लागू करने से पहले कई परीक्षण हुए हैं।ऐसी छह सर्जरी की गईं। इनमें से एक ऑपरेशन वरिष्ठ डॉ. सुधीर रावल ने गुरुग्राम में रहकर दिल्ली के रोहिणी स्थित राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में किया।

इसी तरह जून 2024 में गुरुग्राम के वर्ल्ड लेप्रोस्कोपी अस्पताल में भर्ती मरीज का ऑपरेशन डॉ. आरके मिश्रा ने करीब पांच किमी दूर एसएसआई की कार्यशाला में तैनात रोबोट के जरिये किया।

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

भारत में टेली सर्जरी के लिए रोबोट और वायरलेस तकनीक का उपयोग करने की मंजूरी

बताया जा रहा है कि सीडीएससीओ ने टेली सर्जरी के लिए रोबोट और वायरलेस तकनीक का उपयोग करने की मंजूरी दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दुनिया के कई देशों में इस तकनीक का लाभ लिया जा रहा है।

इस तकनीक में वीडियो गेम की तरह हाथ में कंसोल रखते हुए डॉक्टर बड़े 3डी लेआउट वाले मॉनिटर को देखते हुए ऑपरेशन करते हैं। उनकी आंखों पर एक खास किस्म का चश्मा होता है जो उन्हें ऑपरेशन थियेटर में ही उपस्थित रहने का एहसास कराता है।

सांकेतिक तस्वीर
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टेली सर्जरी करने वाले डॉ. सुधीर का दावा – यह तकनीक है बहुत ही क्रांतिकारी

एसएसआई मंत्र की गुरुग्राम में मुख्य कार्यशाला है। यहां बड़े-बड़े रोबोट और पूरी तकनीक को विकसित किया है। अभी तक छह परीक्षण इसी कार्यशाला से हुए हैं। डॉक्टर यहां आकर रोबोट चलाते हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबंधित अस्पताल का ऑपरेशन थियेटर तकनीक से जुड़ा रहता है। इस हिसाब से यह तकनीक 100 या 200 ही नहीं, बल्कि एक हजार किमी की दूरी से भी की जा सकती है।

एसएसआई के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी डॉ. सुधीर  का कहना है कि यह तकनीक अगले कुछ वर्षों में भारत में चिकित्सा की पूरी तस्वीर को बदल देगी।  छह में पांच सर्जरी करने वाले डॉ. सुधीर ने कहा कि यह तकनीक वास्तव में एक क्रांतिकारी है। भारत में यह पूरी प्रणाली को एक नया आयाम दे सकती है। हालांकि, इसके लिए कुशल अनुभव और ज्ञान होना भी बहुत जरूरी है।

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