लेकिन चर्चा सिर्फ और सिर्फ मोदी के तोताओं का है
Ranchi-झारखण्ड जनता दल का जनता दल में विलय- जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की उपस्थिति में झारखंड जनता दल का जनता दल यूनाईटेड में विलय की विधिवत घोषणा कर दी गयी. हरमू बायपास स्थित कार्निवाल बैंक्वेट हॉल में आयोजित कार्यक्रम में इसकी घोषणा करते हुए ललन सिंह ने कहा कि झारखण्ड बिहार का खान-पान और रहन-सहन एक है, लेकिन अलग राज्य बनने के बाद इसका विकास नहीं हो सका. जबकि झारखंड के पास अपार संसाधन था. लेकिन संसाधन की कमी के बावजूद भी 2005 से बिहार की तस्वीर बदल गयी.
झारखण्ड जनता दल का जनता दल में विलय
इसका श्रेय नीतीश कुमार के दुरदर्शी नेतृत्व को जाता है. अपने पहले ही शासन काल में उन्होंने कहा था कि हम बिहार की तस्वीर को बदल कर रख देंगे, आज कोई भी कह सकता है कि इन वर्षों में बिहार में क्या बदलाव आया. किस प्रकार बिहार आज कई क्षेत्रों में दूसरे राज्यों को राह दिखला रहा है.
सवाल यह है कि यही काम झारखंड में क्यों नहीं हो सका, जबकि यहां अधिकांश समय भाजपा का ही शासन था, फिर क्या कमियां रह गयी, क्यों नहीं बदल सकी झारखंड की तस्वीर. झारखण्ड का विकास नहीं हो रहा है, इसकी पीड़ा नीतीश कुमार को भी है, यही कारण है कि यहां से खीरु महतो को राज्य सभा भेजा गया है.
देश में बढ़ रही है भूख,भय और गरीबी
भाजपा की नीतियों को देश के लिए खतरनाक बतलाते हुए ललन सिंह ने कहा कि 70 वर्ष की मंहगाई एक तरफ रख दीजिये और 8 साल की मंहगाई एक तरफ, सब कुछ आईने की तरह साफ हो जायेगा. कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों के हवाले पूरे देश को छोड़ दिया गया है.
नेशनल हाइवे का और प्लेटफार्म का निजीकरण किया जा रहा है.
देश का सामाजिक और साम्प्रदायिक माहौल खराब हो रहा है
और यह सब कुछ एक खास विचारधारा के द्वारा किया जा रहा है,
बड़ी बात यह है कि उस विचारधारा का समर्थन उपर से किया जा रहा है.
झारखण्ड जनता दल के साथ झारखंड में बढ़ेगी जदयू की ताकत
आज देश समस्याओं का मकड़जाल में फंस चुका है,
लेकिन उस पर चर्चा की इजाजत भी नहीं है, लेकिन टीवीपुरम में सुबह से लेकर शाम कर मंदिर
और ज्ञानव्यापी की चर्चा करवायी जा रही है.
अब चर्चा सिर्फ मोदी के तोताओं का होता है. जहां विपक्ष की सरकार है उसे गिराने के लिए,
सीबीआई ओर ED की छापेमारी चलती रहती है.
आाज देश में अघोषित इमेजेन्सी लागू है, पूरे देश में अल्पसंख्यक समुदाय के बीच भय का माहौल है.